ग्राम समाचार न्यूज़ : रेवाड़ी : कैलाश चंद एड्वोकेट के पास पहुची प्रवासी मजदूर की पत्नी पिंकी देवी, पत्नी महेंद्र उत्तरप्रदेश जिसने बताया कि उसका पति, बावल औधोगिक एरिया की एक कम्पनी वाही अंकिता फाइन बलाकिंग कम्पनी सेक्टर 3 बावल में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत था, जो 14 सितंबर को कम्पनी में कार्य करते हुए, बीमार हो गया, बीमार महेंद्र को कम्पनी ने रेवाड़ी के विराट हस्पताल में इलाज के लिये दाखिल करवा दिया, दाखिल करवाने के उपरांत बीमार महेंद्र की पत्नी को फोन करके बताया कि आपके पति बीमार हो गए थे,उसे विराट हस्पताल में भर्ती करवाया है, आप आकर अपने पति से मिल लो, प्रवासी मजदूर की पत्नी के हस्पताल पहुचने के बाद कम्पनी कर्मचारी ने कहा कि इसकी बीमारी का सारा खर्च कम्पनी वहन करेगी, आप सिर्फ इनके पास रहे, ओर ये कहते के बाद कम्पनी के कर्मचारी बीमार कर्मचारी को छोड़कर चले गए।
बीमार प्रवासी मजदूर दिनाक 20-09-2022 को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी लेकर घर जाने लगे तो हस्पताल ने ये कहते हुए छुट्टी देने से मना कर दिया की आपकी बीमारी का ईलाज का 80,000/- रुपए जमा करो उसके बाद ही घर जाने देंगे, ओर मजदूर को बंन्धक बना लिया।
पीड़ित मजदूर की पत्नी अपने पति को बन्धकमुक्त करवाने के लिये लेबर इंस्पेक्टर, पुलिस थाना में भी गई परन्तु किसी ने भी पीड़ित की सहायता नही की।
आखरी पीड़िता कैलाश चंद एड्वोकेट के पास पहुची, अधिवक्ता ने पीड़िता की शिकायत मुख्यमंत्री, स्वास्थ मंत्री, जिला उपायुक्त, जिला पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियो को लिखी, ओर अधिवक्ता किरण पोषवाल, अधिवक्ता सीमा सैनी सहित पीड़िता को लेकर जिला उपायुक्त श्री अशोक कुमार जी के कैम्प ऑफिस पर जाकर मुलाकात करके सारी आपबीती बताई। जिसके बाद माननीय उपायुक्त श्री अशोक कुमार जी ने CMO रेवाड़ी, व विराट हस्पताल को फोन करके पीड़ित मजदूर को बन्धकमुक्त करने के लिये कहा, ओर बताया कि हस्पताल चले जाए वो महेंद्र को छोड़ देंगे, जिसके उपरांत पीड़ित को हस्पताल ने किया बंधनमुक्त। वापिस लोटकर पीड़ित ने अपने पत्नी और बच्चो से मुलाकात करके निशुल्क सहायता करने वाले अधिवक्ताओं का आभार जताया।
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