ग्राम समाचार, पथरगामा ब्यूरो रिपोर्ट:- पथरगामा का बड़ी दुर्गा मंदिर, बारकोप का राजशाही दुर्गा मंदिर और लौगांय एवं रजौन मोड़ पर आयोजित किए जा रहे दुर्गा पूजा पंडाल में अष्टमी तिथि के पावन मौके पर सुबह से ही हाथों में बांस की डलिया अथवा पीतल की डलिया में कम से कम पांच किस्म के फल फूल सिंदूर पान पत्ता सुपारी से सजी डाला को जगत जननी मां अंबे पर अर्पित करने को ले व्रती महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी रही| यह सिलसिला देर रात तक चलता रहेगा| माता के दरबार में उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है| प्रत्येक पूजा स्थल पर दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति के साथ-साथ महिला एवं पुरुष पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है ताकि व्रती महिलाओं को कोई असुविधा नहीं हो| आयोजन समिति के स्वयंसेवकों के द्वारा भी भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है| मालूम हो कि आज की रात्रि ही कालरात्रि और सिद्धिदात्री की रात्रि कहलाती है क्योंकि नवमी तिथि को दिन में ही हवन कन्या पूजन के साथ नवरात्र महापर्व का पारण कर दिया जाता है | इस मौके पर बारकोप स्थित राजघराने के दुर्गा मंदिर के ठीक सामने तंत्र साधक अपने तंत्र सिद्धि में जुड़ जाते हैं|
Pathargama News: पूजा पंडाल में महाअष्टमी व्रत को ले व्रती महिलाओं की उमड़ी भीड़
ग्राम समाचार, पथरगामा ब्यूरो रिपोर्ट:- पथरगामा का बड़ी दुर्गा मंदिर, बारकोप का राजशाही दुर्गा मंदिर और लौगांय एवं रजौन मोड़ पर आयोजित किए जा रहे दुर्गा पूजा पंडाल में अष्टमी तिथि के पावन मौके पर सुबह से ही हाथों में बांस की डलिया अथवा पीतल की डलिया में कम से कम पांच किस्म के फल फूल सिंदूर पान पत्ता सुपारी से सजी डाला को जगत जननी मां अंबे पर अर्पित करने को ले व्रती महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी रही| यह सिलसिला देर रात तक चलता रहेगा| माता के दरबार में उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है| प्रत्येक पूजा स्थल पर दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति के साथ-साथ महिला एवं पुरुष पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है ताकि व्रती महिलाओं को कोई असुविधा नहीं हो| आयोजन समिति के स्वयंसेवकों के द्वारा भी भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है| मालूम हो कि आज की रात्रि ही कालरात्रि और सिद्धिदात्री की रात्रि कहलाती है क्योंकि नवमी तिथि को दिन में ही हवन कन्या पूजन के साथ नवरात्र महापर्व का पारण कर दिया जाता है | इस मौके पर बारकोप स्थित राजघराने के दुर्गा मंदिर के ठीक सामने तंत्र साधक अपने तंत्र सिद्धि में जुड़ जाते हैं|
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