ग्राम समाचार,चांदन,बांका। विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री कृष्ण कांत त्रिपाठी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह संयुक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री प्रभाकर कुमार झा के आदेशानुसार एसकेपी विद्या विहार राजपुर प्लस टू आवासीय विद्यालय बांका बिहार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तरफ से विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं पोक्सो अधिनियम विषय के तहत बच्चों को जागरूक किया गया। बाल अपराध एक गंभीर समस्या है। इससे छोटे-छोटे छात्र छात्राओं को कानून संबंधी जानकारी पैनल अधिवक्ता मोहम्मद फैसल आजम के द्वारा दिया गया। मोहम्मद फैसल आजम पैनल अधिवक्ता ने बताया कि छात्र छात्राओं को अपनी पढ़ाई लिखाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए और कभी भी किसी के बहकावे में कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहिए।सात साल से ऊपर के बच्चों के लिए सजा का नियम है। उससे उसकी जिंदगी पर असर पड़ता है। बाल छात्र छात्राओं को कानून संबंधी जानकारी विस्तार पूर्वक बताया गया और उससे बचने के उपाय भी बताए। पैनल अधिवक्ता मोहम्मद फैसल आजम ने अलग-अलग बाल संबंधित धारा, अधिनियम, अनुच्छेद इत्यादि को विस्तार पूर्वक बताया। किशोर न्याय परिषद के द्वारा किशोरों को न्याय दिलाने का प्रबंध किया गया है। छात्रों को चाहिए कि वह किसी भी ग़लत
मानसिकता वाले लोगों के साथ जाने से बचना चाहिए और किसी भी व्यक्ति द्वारा दी जाने वाली कुछ समान जो छात्रों को प्रलोभित करता है उससे बचना चाहिए। तभी उसका जीवन सफल हो सकता है। बच्चे ही देश के भविष्य हैं। जीव विज्ञान शिक्षक सह जिला पर्यावरण विशेषज्ञ व भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी बांका जिला ईकाई प्रबंध कमेटी सदस्य तथा जिला अध्यक्ष हरिजन सेवक संघ बांका और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा हेडक्वार्टर वासिंगटन डीसी से संबद्ध प्रवीण कुमार प्रणव ने छात्रों को विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि जो प्रकृति के नियम को तोड़ता है उसे पापी कहते हैं और जो राष्ट्र के नियम को तोड़ता है उसे अपराधी कहते हैं। अपराध छोटा हो या बड़ा सज़ा तो भुगतना ही पड़ता है। परंतु अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सज़ा निर्धारित है। सही और ग़लत कार्य किसे कहा जाए? इसके बारे में प्रवीण कुमार प्रणव ने आगे कहा कि जब किसी कार्य को करने से पहले या करने के बाद हम खुद से अपने माता-पिता को नहीं बता सकते हैं तो वह गलत कार्य है। छात्र छात्राओं को यह समझना होगा कि वो विषम परिस्थिति में अपने अंदर की आवाज को जरुर सुनें। किसी लोभ में किसी के बहकावे में कभी भी नहीं रहें। अगर कोई व्यक्ति उसे कुछ कह रहा है या करने कह रहा है तो तुरंत आकर अपने माता-पिता और शिक्षक को बताएं। सभी छात्रों को अपने माता-पिता और शिक्षकों की बातों पर जरुर ध्यान देना चाहिए और उनकी बातों को मानना चाहिए। अंत में श्री प्रणव ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष जिला सत्र एवं न्यायाधीश होते हैैं,उपाध्यक्ष जिला अधिकारी होते हैं, सचिव एडीजे एवं सदस्य आरक्षी अधीक्षक होते हैं।इस अवसर पर पारा विधिक स्वयं सेवक अंजन कुमार, प्राचार्य मानस कुमार पाठक, शिक्षक डॉ के सी मिश्रा,पंकज बिहारी, उल्लास किशोर दास, एच एन सिंह, रामा प्रसाद दास कर्मचारी रामानुज, पप्पू सहित लगभग सेंकड़ों छात्राओं ने इस कार्यक्रम में शामिल होकर कानून संबंधी जानकारियां लेकर उससे लाभान्वित हुए।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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