ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार,बांका। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत संचालित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार 13 फरवरी को बीडी अकैडमी विद्यालय बांका में शांति पुर्ण तरीके से संपन्न हो गई। इस प्रशिक्षण में रिसोर्स पर्सन श्री सौरभ गुंजन और गिरिडीह झारखंड के सूरज कुमार लाला ने बिहार झारखंड से आए हुए अलग-अलग जगह के साठ शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण देने का कार्य किए।सभी को अगले कार्यक्रम के लिए रिसोर्स पर्सन और कोऑर्डिनेटर के रूप में चुना गया। बी डी एकेडमी के प्राचार्य सह रिसोर्स पर्सन सौरभ गुंजन ने जहां स्वास्थ्य के पहलुओं पर प्रकाश डाला, वहीं गिरिडीह झारखंड से आए हुए सूरज कुमार लाला ने विद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ-साथ अभिभावकों और समाज पर पड़ रहे विसंगतियों के बारे में और छात्राओं के भविष्य के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। जिससे कि भावी पीढ़ी अपने छात्र जीवन के साथ- साथ आने वाले समय के लिए
अपना जीवन उज्ज्वल और दूरगामी सोच लिए राष्ट्रहित और जगत कल्याण के लिए वह आगे की पढ़ाई कर सकें और तनाव मुक्त जीवन जी कर दूसरों को भी तनाव मुक्त रहने की प्रेरणा दें । जबकि इसी कड़ी में जीव विज्ञान से संबंधित तथा शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित बचपन से लेकर छात्र जीवन और उसके आगे भी विभिन्न पहलुओं पर एसकेपी विद्या विहार राजपुर प्लस टू आवासीय विद्यालय के जीव विज्ञान शिक्षक सह जिला पर्यावरण विशेषज्ञ व भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी बांका जिला ईकाई प्रबंध कमेटी सदस्य तथा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा हेड क्वार्टर वाशिंगटन डीसी से संबद्ध प्रवीण कुमार प्रणव ने विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों के वर्तमान और भावी पीढ़ी के भविष्य को तथा शिक्षकों को उनके विशेष पहलुओं पर विशेष निगरानी के साथ ध्यान देने की जरूरत है । जिसमें विवाह पूर्व एचआईवी जांच के लिए एलिजा टेस्ट और वेस्टर्न ब्लाउ्ट टेस्ट के साथ-साथ ब्लड ग्रुप नेगेटिव पॉजिटिव की जांच और कुछ अध्यात्मिक पहलुओं पर भी मुख्य-मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेते हुए जोड़ने का काम करना चाहिए। नाइन एसेंशियल अमीनो एसिड के बारे में विस्तार पूर्वक बताए जो हमारे दैनिक जीवन में सरलता पूर्वक मक्का जिसे भुट्टा कहते हैं उससे उपलब्ध हो रहा है ।इसीलिए छात्र जीवन में छात्रों को चाहिए कि वह भुट्टा खाने पर विशेष जोर दें और अपने आजीवन इसको अलग-अलग रूप में अपना लें ताकि बुढ़ापे में भी दांत नहीं रहने पर उसके सत्तू से काम चला कर उससे मिलने वाले विशेष प्रकार के महत्वपूर्ण प्रोटीन हम प्राप्त कर सकें । जहां तनावमुक्त रहने की बात श्री प्रणव ने योग के द्वारा बताए कि योग का मतलब होता है जोड़। जब हम शांत एकांत रह कर अपने सांस को अपने मन के साथ जोड़ लेते हैं और किसी इष्ट देव के प्रति या किसी प्रकृति के प्रति जब ध्यान को जोड़ लेते हैं और सांस की गति को उसके साथ सामंजस्य स्थापित कर लेते हैं तो वह हमारे जीवन के लिए तनावमुक्त के साथ-साथ यह योग रोग भगाने में भी कारगर साबित होता है ।उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि जब सांस खींचें तो मन ही मन जोड़ लें कि हम ओम का उच्चारण कर रहे हैं और जब सांस छोड़ें तो मन ही मन जोड़ लें कि हम नमः शिवाय बोल रहे हैं या आप जिन्हें मानते समझते हैं या जिन पर विश्वास करते हैं। उनको आप मानते समझते हुए सांस के साथ जोड़ लें और अपने मन को हमेशा शांत और एकांत रखने का दिन भर में कुछ मिनट अवश्य निकालें । मौके पर सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने इस कार्यक्रम को सराहा।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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