Godda News: महागामा में अभी से ही पेयजल संकट गहराने लगा


ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:-  फरवरी माह में ही महागामा प्रखंड के  नरैनी नया टोला मै चार महीने से चापाकल खराब है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं वही महागामा क्षेत्र में पानी की किल्लत बढ़ने लगी है, कहते हैं रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून| पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुष, चून। रहीम का यह दोहा गर्मी की तपिश बढ़ते ही महागामा प्रखंड के गढ़ी पंचायत के नया टोला नैरणी गांव में सच साबित होने लगा है। विकास के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सरकार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझाने में नाकाम हो रही है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे हैं। गर्मी का पारा चढ़ते ही यहां जल संकट गहराने लगे हैं। आम से लेकर खास तक सभी पीने के पानी को लेकर काफी चिंतित रहने लगे हैं। कई जगह तो लोग बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। गर्मी का मौसम परवान चढ़ते ही लोगों का कंठ सूखने लगा है। नैरणी,गढ़ी,गोरगामा हनवारा,बिशनपुर,कोयला,सारथु,बर्दभड़ा,विश्वासखानी, परसा में सभी चापाकल सुख गया है। ग्रामीणों में यहां पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। सभी गांव में कुलमिलाकर करीब हजारों की आबादी पानी के लिए पूरी तरह से त्रस्त हो रहे है। इस फरवरी माह में ही सभी ताल-तलैया भी सूख गए हैं। यहां के लोगों ने बताया कि करीब 160-170 फीट नीचे चापाकल का पाइप गया। फिर भी एक बूंद भी पानी नहीं निकल रहा है। यह सब गांव में करीब हजारों घर है। लगभग सभी घरों के चापाकल पूरी तरह सूख गया है। यह सब गांव के ग्रामीण इधर उधर से पानी लाकर अपना काम कर रहे है। आलम यह है कि इस गांव के लोग एक-एक बूंद पानी के लिए तरह रहे है। करीब तीन-चार माह से यह सब गांव में सभी चापाकल सूख गये है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी की। लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुआ है। जिससे लोगों को पानी पीने के लिए भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। वहीं नहाने के लिए तो सोचना पड़ता है|

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Editor - बेनामी

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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