ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- महागामा प्रखंड के दिग्घी में चल रहे तीन दिवसीय सलाना इज्तिमा का समापन रविवार की सुबह 11 बजे देश में अमन चैन एवं खुशहाली की दुआ के साथ हो गया। अंतिम दिन समापन कार्यक्रम की दुआ में जिलेभर से आए करीब दो लाख मुस्लिम अकीदतमंद शामिल हुए। इज्तिमा में आए अकीदतमंदों के बैठने के लिए काफी लंबा-चौड़ा पंडाल का इंतजाम किया गया था। पार्किग से लेकर पानी पिलाने, सफाई व्यवस्था,सामूहिक भोजन, नमाज पढ़ने के लिए वजू का आदि की व्यवस्था की गई थी। इन सभी व्यवस्था को दिग्घी, नयानगर, शीतल सहित आसपास के गांव के लोग खुद संभाल रखी थी। अहले सुबह नमाज अदा करने के बाद बाहर से आए मौलाना ने तकरीर करते हुए कहा कि इस्लाम के मुताबिक इंसान को इंसानियत के रास्ते बताएं। इस्लाम को माननेवालों को उसके वसूलों को मानना चाहिए। उन्होंने बताया कि इंसान के जिस्म में मांस व हड्डियां है, लेकिन जो अच्छे व्यवहार करेगा उसको ही अल्लाह पसंद करेगा। मुसलमानों को चाहिए कि वह अपने व्यवहार से लोगों को इस्लाम का पैगाम दें ताकि दुनिया व आखिरत दोनों जगह कामयाबी मिल सके। अकीदत मंदों को अल्लाह के रास्ते पर दीन को सीखने की अपील की। उन्होंने भाईचारा व इंसानियत का भी पैगाम दिया। उन्होंने कहा कि कुरान पूरी दुनिया के इंसानों को अच्छी जिदगी जीने का तरीका बताता है, इसलिए कुरान की शिक्षा को सभी तक पहुंचाएं एवं कुरान को सीखें और उस पर अमल करें। कहा कि अल्लाह का हुक्म मानने के लिए जरूरी है कि पहले उसे समझा जाए और समझने के लिए राहे खुदा में निकलना जरूरी है। मौलाना ने कहा कि इज्तिमा का मकसद अच्छाई की दावत देना है और बुराई को खत्म करना है।
Godda News: अमन चैन एवं खुशहाली की दुआ के साथ मौलाना इजतिमा संपन्न
ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- महागामा प्रखंड के दिग्घी में चल रहे तीन दिवसीय सलाना इज्तिमा का समापन रविवार की सुबह 11 बजे देश में अमन चैन एवं खुशहाली की दुआ के साथ हो गया। अंतिम दिन समापन कार्यक्रम की दुआ में जिलेभर से आए करीब दो लाख मुस्लिम अकीदतमंद शामिल हुए। इज्तिमा में आए अकीदतमंदों के बैठने के लिए काफी लंबा-चौड़ा पंडाल का इंतजाम किया गया था। पार्किग से लेकर पानी पिलाने, सफाई व्यवस्था,सामूहिक भोजन, नमाज पढ़ने के लिए वजू का आदि की व्यवस्था की गई थी। इन सभी व्यवस्था को दिग्घी, नयानगर, शीतल सहित आसपास के गांव के लोग खुद संभाल रखी थी। अहले सुबह नमाज अदा करने के बाद बाहर से आए मौलाना ने तकरीर करते हुए कहा कि इस्लाम के मुताबिक इंसान को इंसानियत के रास्ते बताएं। इस्लाम को माननेवालों को उसके वसूलों को मानना चाहिए। उन्होंने बताया कि इंसान के जिस्म में मांस व हड्डियां है, लेकिन जो अच्छे व्यवहार करेगा उसको ही अल्लाह पसंद करेगा। मुसलमानों को चाहिए कि वह अपने व्यवहार से लोगों को इस्लाम का पैगाम दें ताकि दुनिया व आखिरत दोनों जगह कामयाबी मिल सके। अकीदत मंदों को अल्लाह के रास्ते पर दीन को सीखने की अपील की। उन्होंने भाईचारा व इंसानियत का भी पैगाम दिया। उन्होंने कहा कि कुरान पूरी दुनिया के इंसानों को अच्छी जिदगी जीने का तरीका बताता है, इसलिए कुरान की शिक्षा को सभी तक पहुंचाएं एवं कुरान को सीखें और उस पर अमल करें। कहा कि अल्लाह का हुक्म मानने के लिए जरूरी है कि पहले उसे समझा जाए और समझने के लिए राहे खुदा में निकलना जरूरी है। मौलाना ने कहा कि इज्तिमा का मकसद अच्छाई की दावत देना है और बुराई को खत्म करना है।
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