Rewari News : प्रदेश सरकार द्वारा नियम 134 A को बंद कर शुरू की गई चिराग योजना नहीं हुई कारगर साबित : कैलाश चंद्



विधान सभा से पारित वर्ष 2003 में हरियाणा सरकार ने शिक्षा नियमावली बनाई थी, ओर  नियमावली बना कर कागजो में बंद करके सुरक्षित रख दी, वर्ष 2003 से उपरोक्त नियम 134-A को लागू करवाने के लिये एड्वोकेट सतवीर हूडा व उनकी टीम संघर्ष करती रही, जिसमे रेवाड़ी से एड्वोकेट कैलाश चंद इस संघर्ष में लगे हुए थे, परन्तु इस नियमावली को लागू नही किया (गरीब परिवारों के बच्चो को प्रदेश के निजी स्कूलों में हरियाणा शिक्षा अधिनियम 134-A, के दाखिलो ) का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट पहुचा cwp 7447/2011) जिसमे माननीय उच्च न्यायालय ने बच्चो के दाखिलों को जायज माना, परन्तु दाखिलों के लिये कोई सख्त आदेश पारित नही हुआ, जिसके उपरांत मामला दोबारा से उच्च न्यायालय में पहुचा ओर अप्रैल 2014 में माननीय उच्च न्यायालय ने नियम 134-A के तहत गरीब परिवारों में बच्चो के दाखिले प्रदेश निजी स्कूलों में करवाने के लिये राज्य सरकार को पाबंद किया, जिसके उपरांत प्रदेश के निजी स्कूलों में नियम 134-A के तहत दाखिले सुरु हुए, 

कॉंग्रेस सरकार ने निजी स्कूलो के दबाव में आकर वर्ष 2014 में नियम 134-A,के दाखिलों के नियम को 25 प्रतिशत से घटाकर  10 प्रतिशत करने के लिये आदेश जारी किए, उस आदेश की मियाद 6 माह थी, 6 माह में राज्य सरकार ने  नियम बदलने के लिये विधान सभा मे पास करना था, परन्तु इसे विधान सभा मे रखा ही नही इस हिसाब से जारी आदेश की मियाद खत्म होकर नियम 134-A दोबारा से 25% प्रतिशत हो गया,

उसके उपरांत BJP सरकार आ गई उसने भी नियम को 25 प्रतिशत की बजाय 10 प्रतिशत ही जारी रखा, उसके बाद सरकार ने निजी स्कूलों के दबाव में या आपसी मिलीभगत के कारण वर्ष 2022 में नियम 134-A को समाप्त करने के लिये आदेश जारी कर दिया, जबकि राज्य सरकार को इसे खत्म करने का अधिकार ही नही था, क्योकी उपरोक्त नियम विधान सभा मे बना था तो विधान सभा को ही अधिकार ह की उसे खत्म करे या उसमे कुछ बदलाव करे, परंतु पूरे बहुमत की सरकार के सामने कौन क्या कर सकता है, नियम 134-A के आवदेन ही बन्द कर दिए, 

BJP सरकार ने वाह-वाही लूटने का मन बनाया सरकार ने एक ढोंग सुरु किया कि हम RTE एक्ट 2009 के तहत चिराग योजना से गरीब परिवारों के बच्चो को निजी स्कूलो में निशुल्क शिक्षा देंगे, परन्तु सरकार की ये योजना न तो निजी स्कूलो को रास आई, न ही गरीब परिवारों के बच्चो को 

कारण:-

नियम 134-A, के तहत गरीब परिवार का बच्चा प्रदेश के किसी भी निजी स्कूल में शिक्षा ले सकता था,------- परंतु चिराग योजना के तहत नजदीकी स्कूल में ही दाखिला मिल सकता है

2- नियम 134-A के तहत कक्षा दूसरी से कक्षा 12वी तक निशुल्क शिक्षा मिलती है, ----- चिराग योजना में कक्षा पहली से कक्षा 8वी तक निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है

3- नियम 134-A के तहत 2 लाख आय तक के परिवारों के बच्चो को निशुल्क शिक्षा मिलती है---- चिराग योजना से 180,000/- तक के आय वाले परिवारों को, ओर भी बहुत सारी खामियां चिराग योजना में रहा

सरकार ने गरीबो को भर्मित करने  के लिये चिराग योजना के तहत प्रदेश के निजी स्कूलों से दाखिलों के लिये पूछा कि क्या कोई स्कूल इस नियम से दाखिलों के लिये सहमत है, निजी स्कूलों ने सरकार को आईना दिखाया ओर प्रत्येक जिले से 1 या 2 स्कूलो ज्यादा किसी स्कूल ने इस नियम के तहत दाखिलों के लिये हामी नही भरी।

सभी स्कूलो ने सरकार की चिराग योजना को नकार दिया। अब देखना होगा राज्य सरकार दोबारा से नियम 134-A के तहत दाखिले करवाएंगी या चिराग योजना के तहत पर हक़ीक़क्त तो ये है गरीबो के बच्चो को निशुल्क शिक्षा राज्य सरकार दिलवाना ही नही चाहती।

Share on Google Plus

Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

ग्राम समाचार से आप सीधे जुड़ सकते हैं-
Whatsaap Number -8800256688
E-mail - gramsamachar@gmail.com

* ग्राम समाचार से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

* ग्राम समाचार के "खबर से असर तक" के राष्ट्र निर्माण अभियान में सहयोग करें। ग्राम समाचार एक गैर-लाभकारी संगठन है, हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।
- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें