ग्राम समाचार न्यूज : अहीर रेजिमेंट टीम रेवाड़ी द्वारा धारूहेड़ा में अमर बलिदानी वीर शिरोमणि राजा राव बालकिशन जी और 5000 शूरवीर अहीर शहीदों का शहीदी दिवस मनाया गया और श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
शेर बच्चा शमशेर बहादुर राव बालकृष्ण ने 24 फरवरी 1739 को नादिर शाह के विरुद्ध करनाल में युद्ध किया और वीरगति प्राप्त की। उस दुर्दांत लुटेरे के खौफ से जब बहुत से लड़ने ही नही आए और बहुत सारे आए तो सही लेकिन नादिर शाह की आक्रमकता देख मैदान छोड़कर भाग गए तब ये शेर बच्चा राव बालकृष्ण और अहीरवाल के हजारों रणबाकुरे ही थे जो उसके सामने अड़ गए और लड़ते लड़ते रणखेत हो गए।
उन अहीरो की वीरता का तब पता चला जब दिल्ली जीतने के बाद लालकिले में मुगल बादशाह को नादिर शाह ने बताया की करनाल के मैदान में अगर राव बालकीशन और उसकी फौज का साथ मुगलिया फौज ने दिया होता तो शायद आज हमे दिल्ली देखनी नसीब न होती।
देश के अमर बलिदानी को उसका उचित सम्मान और पहचान दिलाने के लिए मशूर पेंटर अमन यादव और उनके बड़े भाई अजीत सिंह जी ने अथक प्रयासों से इतिहास के पन्नो को खंगाला और इतिहास में उनके ऊपर लिखे लेख के आधार पर उनके दुर्लभ चित्र की रचना करी । इस चित्र का अनावरण रेजांगला युद्ध के जीवित वीर अहीर कप्तान रामचंद्र जी और हवलदार निहाल सिंह जी ने किया । इस मौके पर धारूहेड़ा , रेवाड़ी, भिवाड़ी, गुरुग्राम, कोसली व खोल के क्षत्रीय अहीर मौजूद रहे और करनाल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करी ।
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