ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। जिले के अमरपुर रेफरल अस्पताल में मरीजों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जहां कुमारखाल से पहुंचे 80 वर्षीय बुजुर्ग मरीज सत्यनारायण मांझी को ओपीडी इंचार्ज की लापरवाही से डॉक्टर के द्वारा लिखी गई दवा में मेट्रोनिडाजोल 400mg जो दो महीना पहले ही एक्सपायर हो चुकी है. मरीज को दे दिया गया. मरीज ने दवाई खाने के पश्चात जब एक्सपायरी देखा तो वह 2 महीना पहले एक्सपायर हो चुका था. हालांकि एक्सपायरी दवा खाने के बाद भी बुजुर्ग को कुछ नहीं हुआ. इस तरह की लापरवाही से एक बड़ी घटना घट सकती थी. फिलवक्त मरीज की स्थिति स्थिर बताई जा रही है. अगर इस तरह के
एक्सपायरी दवा खाने से मरीज की मौत हो जाती तो इसके जिम्मेवार कौन होता ? कोई अप्रिय सूचना समाचार संप्रेषित किए जाने तक नहीं हुई है. लेकिन इन छोटी-छोटी चीजों पर अगर इस तरह की लापरवाही सरकारी अस्पतालों में होनी शुरू हो जाए, तो यह एक गंभीर समस्या बन सकती है. अधिकतर देखा गया है सरकारी अस्पताल में पहुंचने वाले मरीज गरीब और अनपढ़ तबके के होते हैं. ऐसे में उन्हें न दवाई का नाम पढ़ने आता है और ना ही उसके एक्सपायरी देखने. ऐसी स्थिति में ओपीडी में ऑन ड्यूटी तैनात स्वास्थ्य कर्मी को यह चीज बारीकी से देखनी चाहिए.कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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