ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। दुनिया के कई हिस्सों में डॉक्टरों को भगवान के बाद का दर्जा दिया जाता है। भगवान हमें जिंदगी देता है और डॉक्टर बदले में हमें जीवन को स्वस्थ रुप से जीने में मदद करते हैं और कुछ गंभीर बीमारियों के बाद हममें से कई लोगों को एक जीवन पाने में मदद करते हैं। इसलिए चिकित्सक की तुलना भगवान से करना पूरी तरह से गलत नहीं है। आखिर डॉक्टर जीवन रक्षक होते हैं। जिन्हें आम लोग देखते हैं। अगर वहीं चिकित्सक उपचार करने वक्त रोगी को मजाक में गलत दवाई लिख दे और रोगी दवाई लेने अस्पताल भी पहुंच जाए तो क्या होगा। जी हां आपको बता दें ऐसा ही कुछ मामला बौंसी प्रखंड क्षेत्र स्थित रेफरल अस्पताल में हुआ है। जहां चिकित्सक के द्वारा रोगी को मजाक में कुत्ता काटने के बाद लगाए जाने वाले इंजेक्शन को उसके चिट्ठे पर लिख दिया गया और रोगी चिट्ठा लेकर अस्पताल भी पहुंच गया। मिली जानकारी के अनुसार बौंसी प्रखंड क्षेत्र के सासन गांव निवासी वर्तमान पंचायत समिति सदस्य धर्मेंद्र पासवान के पिताजी 12 जून को धर्मेंद्र पासवान के भतीजे को लेकर रेफरल अस्पताल गए थे। जहां चिकित्सक के द्वारा जांच कर दवाई लिखी गई थी। बताया जाता है
कि, चिकित्सक के द्वारा लिखी गई दवाई से धर्मेंद्र पासवान के पिताजी संतुष्ट नहीं हुए। तो उसी दिन अस्पताल में ही जब दूसरे चिकित्सक की ड्यूटी आई तो उन्हें पहले चिकित्सक के द्वारा चिट्ठे पर लिखे गए दवाई को दिखाया गया। तो डॉक्टर ने बताया कि कुत्ता काटने के बाद जो इंजेक्शन लगाया जाता है वही लिखा गया है। हालांकि बच्चे को इंजेक्शन नहीं दिया गया था। इस घटना से अस्पताल में काफी गहमागहमी का माहौल हो गया था। मौके पर उपस्थित पंचायत समिति सदस्य धर्मेंद्र पासवान ने कहा कि, इस तरह का मजाक अस्पताल में चिकित्सक के द्वारा उपचार के मामले में नहीं करना चाहिए। यह निंदनीय है। इस मामले से प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार को अवगत कराया गया। प्रभारी चिकित्सक ने बताया कि, चिट्ठा पर ऐसा कोई इंजेक्शन नहीं लिखा हुआ है। अगर चिकित्सक के द्वारा मजाक की गई है तो, उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। मौके पर प्रखंड प्रमुख बिरसा सोरेन सहित अन्य लोग अस्पताल में मौजूद थे।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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