ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। बौंसी प्रखंड अंतर्गत सरुआ पंचायत में हुल दिवस कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख बिरसा सोरेन ने की। मंच संचालन गंगाराम ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु एवं विशिष्ट अतिथि बिहार पूर्व विधान पार्षद संजय यादव थे। इस अवसर पर बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु अमर शहीद सिद्धू-कानू के प्रतिमाओं का अनावरण किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा आदिवासी नृत्य किया गया। साथ ही साथ फुटबॉल खेल, तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके पूर्व अतिथि को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। मालूम हो कि बिहार में पहला प्रतिमा सिद्धू-कानू का अनावरण किया गया। इसके बाद आदिवासी डांस प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बिहार बाल श्रमिक
आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहला शंखनाद संथाल पहरिया थे। जिसमें सिद्धू-कानू , तिलकामांझी, चांद शेख के द्वारा किया गया। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ देश हित में लड़ाई लड़ते शहीद हो गए। सिद्धू-कानू के नेतृत्व में ब्रिटिश ,साहूकार व्यापारियों वह जमींदारों के खिलाफ हुल - हुल का नारा के साथ शस्त्र युद्ध का शुरुआत किया। जिसे संथाल विद्रोह का हुल आंदोलन के नाम से जाना जाता था। संथाल विद्रोह का नारा था ( करो या मरो अंग्रेजों हमारी मोटी छोड़ो ) सिद्धू-कानू के विचारों को गांव-गांव ले जाने को जरूरत है। उनका सपना था कि जमीन जंगल पर उनका हक हो। उनका विचार था कि, आदिवासी समाज के बीच शिक्षा का अधिकार मिले। सभा को पूर्व विधान पार्षद माननीय संजय प्रसाद यादव , विजय कुमार सीओ बौसी, राज हेंब्रम, बिरसा सोरेन प्रमुख , हरि किशोर जी प्रमुख प्रतिनिधि, पुरन लाल डुई मुखिया प्रतिनिधि , बाबू राम किस्कु , धर्मेंद्र पासवान ,शशि भूषण , कालीचरण डुइ, आदि ने संबोधित किया।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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