Rewari News : नगर पालिका बावल में विपक्ष का चेयरमैन होने से विकास कार्य रोकने का आरोप लगाया

नगर पालिका बावल के पास 27 करोड़ से अधिक का राजस्व होने के बावजूद विकास कार्य शुरू नहीं हो पा रहे है जिसकी शिकियत सम्बंधित विभाग से लेकर निकाय मंत्री तक को की जा चुकी है परन्तु अभी तक इस पर कोई करवाई नहीं हुई।  एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी अभी अनेको कार्य केवल विभागीय मंजूरी न मिलने की वजह से लटके हुए है।  नगर पालिका ने सभी कार्यो का प्रस्ताव पास करके सरकार के पास भेजा हुआ है परन्तु जान बूझकर फाइल अधर में लटका दी जाती है और मंजूरी नहीं मिलती।  चाहे वो ग्रिल हटाने का मुद्दा हो या प्राणा वाली सड़क, हैंडपंप लगाना आदि सभी कार्यो की फाइल अफसरों की मंजूरी न मिलने से कार्ये शुरू नहीं हो पाए है। 

इसके अलावा जगह जगह पानी निकासी की भी समस्या हो रही है चूकि सीवर विभाग नगरपालिका के अधीन नहीं आता परन्तु जनस्वास्थ विभाग के निचे आता है और स्थानीय जनस्वास्थ मंत्री होने के बावजूद भी अधिकारियो के हौसले इतने बुलंद है की बावल कसबे में सीवर की बड़ी समस्या है अधिकतर पाइप जैम पड़े है परन्तु इसपर अधिकारी कोई कार्ये नहीं कर रहे जबकि पार्षदों सहित चेयरमैन ने अनेको बार अफसरों से मिलकर करवाई की मांग करि है। 

अफसरों की मनमानी और लेटलतीफी का खामियाजा चुने गए पर्तिनिधियो को भुगतना पड़ता है क्युकी जनता ने हमे भारी मतों से जीता कर भेजा है और हमसे उनकी उम्मीदे है परन्तु मै आपको बताना चाहुगा नगर पालिका पार्षद और प्रधान द्वारा तो विकास कार्यो का प्रस्ताव करके भेजा जा चूका है परन्तु आगे उन्हें शुरू करने का कार्ये सरकार और अफसरों का है परन्तु एक वर्ष से अधिक हो जाने पर भी फाइल पे मंजूरी नहीं दी जाती जिसकी लगातार शिकायत भी की जारी है परन्तु सरकार मौन है और कसबे के विकास कार्य रुके हुए है।

Share on Google Plus

Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

ग्राम समाचार से आप सीधे जुड़ सकते हैं-
Whatsaap Number -8800256688
E-mail - gramsamachar@gmail.com

* ग्राम समाचार से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

* ग्राम समाचार के "खबर से असर तक" के राष्ट्र निर्माण अभियान में सहयोग करें। ग्राम समाचार एक गैर-लाभकारी संगठन है, हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।
- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें