Bounsi News: लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर,तटबंधों पर बढ़ा दबाव

ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। बांका जिले सहित प्रखंड क्षेत्र में लगातार 24 घंटे से हो रही मानसून की बारिश की वजह से यहां की नदियां उफान पर हैं। सुखनिया नदी, चीर नदी, चानन नदी सहित अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ चुका है। जिसकी वजह से नदियों के किनारे के तटबंधों पर पानी का दबाव बढ़ गया है और तटबंधों को नुकसान पहुंच रहा है। बौंसी प्रखंड स्थित सुखनिया नदी में सोमवार को नदी का जलस्तर बढ़ने से कैरी गांव समीप सड़क के किनारे पानी छूने लगा था। पानी के तेज बहाव ने वहां पर कटाव बनाना आरंभ कर दिया है। पानी का जलस्तर अगर दोबारा बढ़ा तो कटाव पूरी तरह होने की आशंका है। स्थानीय लोगों ने बताया कि, कटाव से बचाव के लिए यहां पर बोल्डर, पीचिंग की आवश्यकता है। अन्यथा सड़क  के कट जाने से जलजमाव हो सकती है और आवागमन भी बाधित हो सकता है। वहीं दूसरी ओर कमजोर सुखनिया फूल के नीचे से भी लगातार पानी का तेज बहाव जारी है


। मालूम हो कि, सुखनिया पुल का जो पाया छतिग्रस्त है। जिसे करीब 3 से 4 वर्ष पूर्व विभाग के अधिकारियों ने सीमेंट की बोरी में बालू डालकर काम चलने लायक बनाया था। हालांकि बारिश होने से किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट है। किसानों ने बताया कि, अगर हर 10 दिनों में इस तरह की वर्षा होती रहे तो, इस बार फसल की उपज काफी अच्छी हो सकती है। हालांकि अब तक प्रखंड क्षेत्र में पूरी तरह से धान का बिचड़ा किसान के द्वारा नहीं लगाया जा सका है। वहीं दूसरी ओर डकार बियर में भी 24 घंटे से हो रही लगातार मानसून बारिश की वजह से पानी का जलस्तर बढ़ चुका है। साथ ही चीर नदी का जलस्तर बढ़ने से पंजवारा गोड्डा मुख्य मार्ग पर बना डायवर्सन भी पानी के तेज बाहर की वजह से ध्वस्त हो गया है। डायवर्शन ध्वस्त हो जाने से गोड्डा और पंजवारा का सीधा संपर्क टूट गया है।

कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।

Share on Google Plus

Editor - कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बाँका,(बिहार)

ग्राम समाचार से आप सीधे जुड़ सकते हैं-
Whatsaap Number -8800256688
E-mail - gramsamachar@gmail.com

* ग्राम समाचार से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

* ग्राम समाचार के "खबर से असर तक" के राष्ट्र निर्माण अभियान में सहयोग करें। ग्राम समाचार एक गैर-लाभकारी संगठन है, हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।
- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें