रेवाड़ी के गांव ठेठर भूरथल के ग्रामीणों ने श्मशान घाट के रास्ते को पक्का करने और गांवों की अलग पंचायत बनाने की मांग को लेकर डीसी के नाम डीडीपीओ को ज्ञापन सौंपा। ट्रैक्टर ट्रॉली में शव रखकर शमशान घाट तक अंतिम यात्रा निकाली गई।
रेवाड़ी के पटौदी रोड स्थित चिल्लड ग्राम पंचायत के अधीन आने वाले गांव ठेठर भूरथल में श्मशान घाट को जाने वाले रास्ते को पक्का करवाने और गांव की अलग पंचायत बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मुलाकात की और डीसी के नाम डीडीपीओ को ज्ञापन सौंपा। भूरथल ठेठर से ऐसी तस्वीरें सामने आई है जिसने विकास की हकीकत बयान कर दी। सड़कों का भरपूर विकास होने के बावजूद भी ग्रामीण क्षेत्रों का क्या हाल है इन तस्वीरों को देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। गांव में जिस तरह श्मशान घाट जाने तक का रास्ता भी ठीक नहीं हो ऐसे में सरकारी तंत्र को कोसना लाजमी होगा। रेवाड़ी के इस गांव से सरकारी तंत्र की ऐसी संवेदनहीनता सामने आई है। यहां ग्रांट होते हुए भी वर्षों से श्मशान घाट को जाने वाला पंचायती रास्ता पक्का नहीं कराया गया है। अब हालात यह है कि बदहाल रास्ते में पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया है। इसी के चलते शव यात्रा भी चार कंधो की बजाय ट्रैक्टर में निकालनी पड़ रही है। दरअसल गांव के ही रहने वाले सेवानिवृत्त स्वास्थ्य निरीक्षक 78 वर्षीय सूरजभान के निधन ने सरकार और प्रशासनिक तंत्र के विकास के दावों की पोल खोल कर रख दी। सूरजभान का निधन होने पर ऐसे ही विडंबना देखने को मिली। जिसमें सरकार और प्रशासनिक तंत्र की वास्तविकता बता दी कि आज भी हम विकास से कोसों दूर है। दरअसल श्मशान घाट को जाने वाले रास्ते की हालत इतनी खराब थी की मंगलवार को अंतिम यात्रा कुछ दूर तक ही कंधों पर निकाली गई लेकिन आगे काफी कीचड़ और पानी भरे होने के कारण ट्रैक्टर ट्रॉली में रखकर शव को श्मशान घाट तक ले जाया गया। रास्ते की बदहाली के चलते ग्रामीण परेशान हैं और प्रशासन को कोस रहे हैं। ग्रामीण शिवदत्त जांगिड़, महावीर सिंह और अन्य ग्रामीण महिलाओं का कहना हैं कि ग्राम पंचायत में धन की कोई कमी नहीं है इसके बावजूद भी शमशान घाट के रास्ते को पक्का नहीं किया जा रहा। बरसात के दिनों में पानी भर जाता है और पैदल तक निकलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मंगलवार को जब गांव निवासी सूरजभान का निधन हुआ तो श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा में पैदल नहीं जा सके। रास्ता खराब होने के चलते ट्रैक्टर ट्रॉली में शव को रखकर अंतिम यात्रा निकाली गई। अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द रास्ते को पक्का नहीं किया गया तो वे इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे।
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