ग्राम समाचार,चांदन,बांका। प्रखंड क्षेत्र के कुसुम जोरी पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 6 की लेटवा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र व सरकारी स्कूल नहीं होने से नौनिहाल बच्चों की जिंदगी अंधकार में डूबी हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस गांव में 50 घरों लगभग 70 से 80 के करीब नोनीहाल बच्चे हैं। जहां आजादी के 75 में सालों तक उस गांव में एक भी सरकारी विद्यालय नहीं है और ना ही तो इतने बड़े आबादी के बीच एक आंगनवाड़ी केंद्र बना हुआ है। इस बाबत ग्रामीणों ने बताया की हमारे गांव से लगभग 2 से ढाई किलोमीटर की दूरी पर जंगल से घिरा लीला वरण गांव में आंगनवाड़ी केंद्र है। जहां नोनीहाल बच्चे को भेजना मुनासिब नहीं है। जिस कारण हमारे गांव के बच्चे की भविष्य आज
तक अंधकार में डूबा हुआ है। वहीं 5 साल से ऊपर के बच्चों को शिक्षा के लिए पड़ोसी जिला जमुई अंतर्गत तेलवा बाजार या सिमुलतला भेजना पड़ता है। इसी क्रम में कुछ महिलाओं ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ नाम की है गर्भवती महिला या कुपोषित बच्चों को मिलने वाली पूरक अहार में भी बंदरबांट किया जाता है 2 या 3 महीने में कभी कबार गिने चुने लोगों के विच टेक होम राशन वितरण की जाती है। वही ग्रामीणों ने आंगनवाड़ी सेविका के विरुद्ध आक्रोश जताते हुए बताएं कि खबर के माध्यम से जिलाधिकारी बांका से उम्मीद करता हूं कि लेटवा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र व एक प्राइमरी स्कूल बनवाने की अपील करता हूं।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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