ग्राम समाचार,चांदन,बांका। खबर बांका जिले की चांदन प्रखंड की है, चरितार्थ है कि (बाहर से ठीक-ठाक और अंदर से मोकामाघाट) यह बात लोगों द्वारा कहीं जा रही है। जो पूरी तरह सत्य है। बता दें की बांका जिले की चांदन प्रखंड मुख्यालय स्थित बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करोड़ की लागत से भवन निर्माण कराया गया है। लेकिन भवन के गुणवत्ता पर भवन निर्माण की आवंटन राशि में संवेदक द्वारा बंदरबांट होने की बात सामने देखी जा रही है। इस बात की पोल खुलती तब नजर आ रही है, जब थोड़ी सी वर्षा होने पर भवन के छत पर जमे पानी अस्पताल के लेबर रूम आदि जगहों पर पानी गिरता नजर आने लगी। हालांकि तत्काल अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधन द्वारा छत का मरम्मत करा लिया गया है। भवन निर्माण कार्य इस कदर किया गया है, कि आज छत की स्थिति जर्जर हो गई है। जिससे
भविष्य में दुर्घटना होने की संभावना जताई जा रही है। छत के चारों ओर छत की ढलाई में बालू की मात्रा इतनी दी गई है कि, पैर से रगड़ने के बाद सिर्फ बालू ही बालू दिखाई पड़ती है। जबकि आज से 6 महीने पूर्व चांदन अस्पताल भवन का स्थिति दैनिक बनी हुई थी।लेकिन जिला अधिकारी अंशुल कुमार के आगमन पर उनके निर्देशन से अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल का जीर्णोद्धार कर सौंदर्यकरण का चार चांद लगा दिया है। जो जिला में टॉप समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चांदन अस्पताल के नाम से जाने जा रहे हैं। अस्पताल को इस तरह से सजाया संवारा गया है कि मानो जिले भर में ऐसा अस्पताल नहीं है।लेकिन अस्पताल की गुणवत्ता कितनी अच्छी है की चरितार्थ की कहानी से कम नहीं है। अस्पताल की दुर्दशा से अस्पताल प्रबंधन को आने वाले भविष्य में किसी बड़ी घटना की आभास जताने लगी है। समय रहते अस्पताल की छत का मरम्मत नहीं होने पर भवन की स्थिति बद से बदतर हो जाएगी।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें