रेवाड़ी में ऐतिहासिक धरोहर बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष राव बिजेंद्र सिंह (रानी की ड्योढ़ी) ने जिला प्रशासन से मांग की है कि भाड़ावास गेट को बिना किसी जांच के तोड़कर नए सिरे से बनाने के निर्णय पर पुनर्विचार करे। पुरातत्व विभाग से जांच के बाद ही संबंधित निर्णय लिया जाए।
उक्त जानकारी देते हुए श्री राव ने बताया कि पिछले दिनों हुए जानलेवा हादसे के बाद आनन-फानन में नींद से जागी नगर परिषद अब इस ऐतिहासिक इमारत को बिना किसी जांच के तोड़ने पर उतारू है। यह पहलू बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन की लापरवाही से जिस इमारत की छत में पानी की निकासी न होने के चलते संबंधित हादसा हुआ है, अब प्रशासन उस पर लीपापोती करने के लिए एक और बड़ी ऐतिहासिक भूल करने जा रहा है। उन्होने कहा कि ऐतिहासिक इमारत का संरक्षण आवश्यक ही नहीं, अपितु अनिवार्य है। संबंधित गेट की संदर्भ में पहले पुरातत्व विभाग से जांच करवाकर राय लेनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस गेट से रेवाड़ी का इतिहास एवं संस्कृति जुड़ी हुई है, बिना जांच तोड़फोड़ करके इसे नया स्वरूप देना इतिहास के साथ छेड़खानी होगी। आज न तो वैसी निर्माण सामग्री है न ही वैसी वास्तु कला, वस्तुत: प्राचीन कलात्मक कारीगरी तथा इतिहास के मुख्य साक्षी रहे इस गेट के अस्तित्व को बचाने के लिए प्रशासन को पुरातत्व विभाग से जांच करवाने के बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए।
उन्होंने बताया कि समिति का एक प्रतिनिधिमंडल जिला उपयुक्त से मिलकर इस संदर्भ में अपने विचार एवं सुझाव देगा तथा इस संदर्भ में पुरातत्व विभाग से भी इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की अपील करेगा।
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