रेवाड़ी में राष्ट्रीय अहीर रेजिमेंट संघर्ष समिति के जिला प्रधान योगेंद्र यादव पुंसीका ने बताया कि जिला रेवाड़ी के गांव गढ़ी बोलनी में भारत पाक युद्ध (1965) हाजी पीर मोर्चे 28 अगस्त का शौर्य दिवस मनाया गया। इस युद्ध में एक पैरा के सूबेदार मेजर अर्जुन सिंह (सेना मेडल) व 164 फील्ड रेजिमेंट के वीरों के शौर्य और बलिदान को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर राष्ट्रीय अहीर रेजिमेंट संघर्ष समिति के जुझारू कार्यकर्ताओं व समाज ने बढ चढ़कर भाग लिया जो दादरी, हांसी, हिसार, भिवानी, नारनौल महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, झज्जर, रेवाड़ी, कोसली व राजस्थान से झुंझुनू (शेखावाटी) कोटकासिम तिजारा व रेवाड़ी के नजदीक के ब्लॉक व गांव से लोग भारी संख्या में बस व गाड़ियों के काफिले के साथ वहां पर बहुत अधिक संख्या में पुरुष, महिलाएं व युवा उपस्थित हुए और सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन को लेकर आवाज बुलंद की। इस अवसर पर राव अर्जुन सिंह (सेना मेडल) की वीरांगना श्रीमती सुशीला देवी मुख्य अतिथि रही और स्वामी समर्पणानंद जी (आश्रम दडौली) द्वारा हवन करवा कर कार्यक्रम की शुरुआत की और स्वामी जी ने अपने विचार रखें।
मुख्य वक्ता मेजर टी सी राव, कर्नल घीसाराम, राव अजीत सिंह व लक्ष्मी नारायण यादव व अन्य ने 1965 के युद्ध और अहीर रेजिमेंट के गठन के लिए लोगों के सामने अपने विचार रखें। योगेंद्र यादव ने बताया कि आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में यादव (अहीर) समाज उसी पार्टी को वोट देगा जो अहीर रेजीमेंट का गठन करेगा। अहीर रेजिमेंट संघर्ष समिति द्वारा एक नारा भी दिया गया है की "वोट वही पायेगा जो अहीर रेजिमेंट बनवाएगा"।
वीर अहीरों ने आजादी से पहले और आजादी के बाद देश की रक्षा के लिए देशहित में अपना बलिदान दिया है। 1948 का युद्ध, 1962 रेजांगला, 1965 हाजी पीर, 1971 भारत पाक और 1999 कारगिल युद्ध इन सभी पर वीर अहीरो ने अपना खून बहाया है। अतः सरकार इस देशभक्त कौम के लिए जल्दी से जल्दी अहीर रेजिमेंट का गठन कर इस देशभक्त कौम को उचित सम्मान व शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देने का काम करें।
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