ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। पीएम आवास योजना सरकार की गरीब कल्याणकारी योजनाओं में से एक है. जिसमें आवास विहीन गरीब परिवारों को प्राथमिकता के तौर पर आवास देने का प्रावधान है. लेकिन जनप्रतिनिधि एवं पदाधिकारी की उदासीनता से बेलहर प्रखंड के एक हरिजन आदिवासी गांव बलिया नयासी में यह योजना गरीबों के लिए छलावा मात्र बनकर रह गया है. इस गांव में लगभग 20 से 25 नैया जाति के गरीब परिवार रहते हैं. जिसे न भरपेट खाना एवं कपड़ा मिलता है. इस गांव के लोग का घर मिट्टी की दीवार एवं पन्नी प्लास्टिक की छावनी का है. बरसात होने पर यहां के लोग अपनी बीवी बच्चों के साथ भींग कर जीने को बिवस हैं, जिसे देखने वाला कोई नहीं. वहीं अपनी
आपबीती बताते हुए बलिया नयासी गांव के रमेश खैरा, कोल्हो खैरा, गोनो खैरा, दशरथ खैरा, तीलो खैरा, चाकू खैरा, नेमनी खैरा, विजवा देवी , टुभिया देवी, झमिया देवी, मखरु खैरा, हरकू खैरा, सुनील खैरा, प्रमोद खैरा, सोमर खैरा, सुंदर खैरा, अनिल खैरा चैना खैरा, तुलो खैरा सहित अन्य ने बताया कि हम लोगों के पास घर नहीं है. किसी तरह बरसात और धूप में पन्नी प्लास्टिक का छप्पर देकर जी रहे हैं. जनप्रतिनिधियों से पदाधिकारीयों तक आवास के लिए गुहार लगाई गई, लेकिन आज तक हम लोगों को आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है. आगे उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम लोगों को आवास नहीं दिया गया तो हम लोग आगामी चुनाव में वोट का बहिष्कार करने को विवश होंगे.
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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