Banka News: तेलडीहा दुर्गा स्थान के मेले का रास्ता परिवर्तन होने से ग्रामीणों को हो रही असुविधा, उचित न्याय के लिए लगाई गुहार

ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। तेलडीहा दुर्गा स्थान में दशहरा के उपलक्ष में आयोजित मेले में पाठा के लिए लाइन, जल चढ़ाने, डलिया चढ़ाने एवं दीप जलाने वाले लाइन से ग्रामीणों को हो रही असुविधा एवं क्षति के संबंध में तेलडीहा ग्राम वासियों ने हस्ताक्षर युक्त लिखित आवेदन अनुमंडल दंडाधिकारी सह अध्यक्ष तेलडीहा दुर्गा स्थान समिति के नाम लिखकर उचित कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। साथी आवेदन की प्रतिलिपि प्रमंडलीय आयुक्त भागलपुर, जिलाधिकारी बांका, अंचलाधिकारी शंभूगंज, सचिन तेलडीहा दुर्गा स्थान समिति एवं थाना अध्यक्ष शंभूगंज को भी दी गई है। लिखित आवेदन में बताया गया है कि, तेलडीहा दुर्गा स्थान में दशहरा के अवसर पर आयोजित होने वाले मेले में मुख्य रूप से पाठा का लाइन मंदिर से उत्तर सड़क तेलडीहा ग्राम बगीचे से होते हुए गांव के बीच रास्ते से होकर पूर्व दिशा कुर्मा सड़क की ओर जाती है। सप्तमी के रात्रि से ही जल चढ़ाने बालों की लाइन, डलिया चढ़ने वालों की लाइन, संध्या दीपक जलाने वाले की लाइन, इसके बाद पठा का लाइन लग जाती है। जो सप्तमी के मध्य रात्रि से अष्टमी के दिन रात, नवमी दिन रात एवं दसवीं के सुबह तक लाइन रहती है। गांव के बीच ग्रामीण सड़क पर लाइन रहने से समस्त तेलडीहा ग्रामीणों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां तक की घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। खासकर महिलाओं एवं बच्चों को एक दूसरे के घर आने जाने में भी असुविधा होती है। बताते चलें कि पूर्व में यह रास्ता पुल से उत्तर नदी किनारे बांध से तेलडीहा गांव के 


उत्तर नदी किनारे होते हुए पूर्व दिशा बगीचा जहां गाड़ी लगाया जाता है। वहां तक जाती थी। जिससे ग्रामीणों को कोई  असुविधा नहीं होती थी एवं मेले में आए लोगों का निकास भी नदी की तरफ से ही होता था। बीच गांव में किसी भी तरह की गंदगी नहीं होती थी। पिछले वर्ष ग्रामीणों की असहमति से पाठा का लाइन लगाने का प्रस्ताव प्रशासन की ओर से जज साहब के घर से बगीचा होते हुए भूतली तांती के घर होते हुए ले जाया गया। जिससे ग्रामीणों को काफी क्षती हुई। यहां तक की जितना भी आम का नया वृक्ष लगाया गया था एक भी वृक्ष सुरक्षित नहीं रहा एवं जो भी आम का बड़ा पेड़ था। उसे भी पठा लाइन लगने वालों के द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया। जिससे ग्रामीणों को काफी क्षति हुई। मालूम हो कि, पिछले वर्ष ही अंचलाधिकारी को मौखिक जानकारी इस संदर्भ में दी गई थी एवं मेला में पाठा लाइन से हुए ग्रामीणों को समस्या एवं क्षति से अवगत कराया गया था। प्रशासन के द्वारा मेला में आए पाठा बली वाले लोगों को सुविधा दिए जाने की सोच तो सही है लेकिन इससे हुए ग्रामीणों की समस्या एवं क्षति को भी देखना प्रशासन का दायित्व है। पूर्व में इस्तेमाल किए गए रास्ता जो नदी किनारे बांध होते हुए उत्तर से पूर्व तेलडीहा गांव से बाहर जाता है। वही रास्ता सही है एवं इससे ग्रामीणों को भी और पाठा बली देने आने वालों को भी सुविधा होगी। यहां तक की प्रशासन की गाड़ी भी मंदिर तक जाती है तो गांव के बीच रास्ते में लाइन रहने से काफी  असुविधा होती है। इतना ही नहीं यदि किसी का तबीयत भी खराब हो तो पाठा लाइन की वजह से गाड़ी घर में रहते हुए गाड़ी नहीं निकाल पाते हैं। इस तरह की समस्याओं का सामना ग्रामीणों को करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में मेला प्रबंधक समिति को भी सारी बातों की जानकारी है एवं छत्रहर पंचायत के मुखिया को भी इन सारी बातों से ग्रामीणों द्वारा अवगत कराया गया है। वर्तमान समय में इस समस्याओं पर यदि विचार नहीं किया जाएगा तो आगे चलकर ग्रामीणों को और विकट समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जिस बाबत ग्रामीणों के द्वारा लिखित आवेदन देकर उचित न्याय करने की गुहार लगाई गई है।

कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।

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Editor - कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बाँका,(बिहार)

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