ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का उद्देश्य, पोषण पखवाड़ा के दौरान जन आंदोलन और जन भागीदारी के माध्यम से पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और खाने की स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देना है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 मार्च 2018 को शुरू किया गया पोषण अभियान, लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने और पोषण पर चर्चा को मुख्य-धारा में लाने में सहायक रहा है। पोषण अभियान की शुरुआत पोषण संबंधी परिणामों में समग्र रूप से सुधार लाने के उद्देश्य से की गयी थी। कुपोषण-मुक्त भारत के वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण घटक है- व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन। इसी कड़ी में बौंसी प्रखंड कार्यालय अन्तर्गत बाल विकास परियोजना के सभागार में बुधवार को पोषण पखवाड़ा मनाया गया। कार्यक्रम में विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका सहायिका कार्यकर्ता शामिल हुई। कार्यक्रम में पर्यवेक्षिका के द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को संतुलित आहार लेने का सुझाव दिया गया। कार्यक्रम में अभियान के तहत
फलाहार पोषण आहार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही गांव के लोगों को पोषण युक्त आहार के बारे में बताया गया। वही गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को संतुलित आहार लेने का सुझाव दिया गया। मौके पर बाल विवाह से होने वाली नुकसान के बारे में बताया गया। मौके पर सीडीपीओ विभाग कुमारी ने पोषण पखवाड़ा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा की पोषण पखवाड़ा का केंद्र-बिंदु, कुपोषण को दूर करने के लिए एक मूल्यवान संपत्ति के रूप में 'श्री अन्न'- जिसे सभी अनाजों की जननी कहा जाता है- को लोकप्रिय बनाना है। मौके पर पर्यवेक्षिका ने कहा कि सामुदायिक स्तर पर गर्भवती एवं धात्री महिलाओं, किशोरियों तथा 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के जन आंदोलन के रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। पोषण पखवाड़ा के तहत मोटे अनाजों को इस्तेमाल पर जोर दिया। मौके पर सीडीपीओ विभा कुमारी, पर्यवेक्षिका ममता, अंजू, संजुक्ता, सुप्रिया, आंगनबाड़ी सेविका मीना कुमारी, ब्यूटी कुमारी, सुषमा कुमारी, जानकी कुमारी, चंचला कुमारी, पिंकी कुमारी, जुली कुमारी, प्रियंका कुमारी, कल्पना कुमारी एवं ब्यूटी कुमारी श्याम बाजार सहित कई लोग मौजूद थे।
रौशन कुमार,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें