ग्राम समाचार,चांदन,बांका। चांदन प्रखंड दक्षिणी बारने पंचायत के भैरोपुर गांव की महिला ने एम्बुलेंस के इंतजार में सड़क किनारे पोषक क्षेत्र आशा की मौजदूगी में एक बच्ची की जन्म देने की बात सामने आई है। इसे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही समझें या प्रशव पीड़िता की नादानी। सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह नौ बजे परिजनों ने उक्त प्रशुता को प्रशव कराने हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर भैरोगंज उपकेंद्र ले गई। जहां दिन भर एडमिट रहने के बाद दो के करीब जी एन एम द्रारा अभी बच्चा नहीं होने की संभावना कहकर घर भेज दिया। जी एन एम द्वारा बताई गई कि बच्चे पैदा होने में लगभग 10 दिन लगेगी। इसी बीच आठ बजे रात प्रसूता कि अचानक पेट में दर्द होने लगी। जिसकी सूचना क्षेत्रीय आशा रांति देवी को देने के बाद 102 एम्बुलेंस सेवा की मांग की गई। लेकिन चांदन
अस्पताल में अवेलेबल दोनों एम्बुलेंस कॉल में होने के कारण समय पर एक भी एंबुलेंस नहीं पहुंच पाया। जिसके चलते सड़क पर इंतजार कर रही गर्भवती महिला ने बगैर कोई साधन में एक बच्ची की जन्म दे दी। जहां मौजूद स्वास्थ्य से संबंधित अस्पताल की रीढ़ कहे जाने वाली आशा ने बगैर किसी मेडिसिन व्यवस्था के प्रशव कराई और दोनों जच्चा बच्चा सुरक्षित रखा गया। जिसके 20 मिनट बाद एंबुलेंस पहुंचने पर दोनों जच्चा बच्चा को सुरक्षित चान्दन अस्पताल पहुंचा। कहते हैं कि प्रसूता अस्पताल पहुंचने के बाद नर्सें लेबर रूम इस्तेमाल करने के लिए हाथ में ग्लव्स लगाकर ही बच्चों को छूते हैं। लेकिन वही आशा कार्यकर्ता दुर्भाग्य वास प्रसव कराने की नौबत आये तो स्वास्थ्य प्रबंधन द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था देना उचित नहीं समझते हैं।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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