ग्राम समाचार,चांदन,बांका। अखंड सौभाग्य की कामना को लेकर महिलाएं हरतालिका तीज व्रत की तैयारियां में रविवार से लेकर सोमवार तक जुटी रही । चांदन प्रखंड क्षेत्र सहित भैरोगंज लालपुर आदि बाजारों में सौंदर्य प्रसाधन, कपड़ा सहित सुहाग से जुड़े सामानों की खरीदारी के लिए भीड़ लगी रही । वहीं सोमवार दोपहर बाद सुहागिन महिलाए नेम निष्ठापूर्वक निर्जला उपवास रखकर सौंदर्य कपड़े आभूषण पहनकर थाली में विभिन्न प्रकार के फल मेवा पकवान सोलह सिंगार आदि पूजन सामग्री लेकर शिवालय पहुंची,और भगवान शिव और पार्वती की आराधना में शामिल होकर अपने अपने पति की लंबी उम्र एवं परिवार की मंगल कामना करने व कथा श्रवण में जुट गई। मान्यता है की पर्व के दौरान सुहागिन महिलाएं नए वस्त्र को पहनने की परंपरा है। ऐसे में महिलाएं कपड़ों की दुकानों सहित श्रृंगार के सामानों की खरीद में लगी रही।जबकी इस अवसर पर महिलाए एक दिन पूर्व से ही हाथों में मेंहदी रचाना आरंभ कर ली थी। वहीं इस अवसर पर कौशल पाण्डेय ने तीज व्रतियों
को कथा श्रवण कराते बताया की, इस पर्व की खास मान्यता है कि, माता पार्वती ने ही सबसे पहले तीज का व्रत करते भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। माता पार्वती का अनुसरण करते हुए महिलाएं शिवजी और माता पार्वती जैसा दांपत्य जीवन पाने की कामना करती हैं। इसीलिए तीज का व्रत रखती हैं। कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती सैकड़ो वर्षों की साधना के पश्चात भगवान शिव से मिली थी। यह भी कहा जाता है कि माता पार्वती ने शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए 107 बार जन्म लिया, फिर भी माता पार्वती को पति के रूप में शिव प्राप्त न हो सकी तो, 108वीं बार माता पार्वती ने जन्म ली,तब श्रावण मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हो सके। तभी से तीज व्रत प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर जो सुहागिन महिलाएं सोलह सिंगार करके शिव पार्वती पूजा करती है। उनका सुहाग लंबी अवधि तक बना रहता है। साथ ही जो कुंवारी कन्या इस व्रत को रखती है और शिव पार्वती की पूजा करती है उन्हें विवाह में आने वाले बाधाएं दूर होती है। साथ ही योग्यवर की प्राप्ति होती है। जबकि सुहागिन स्त्रियों को इस व्रत से सौभाग्य प्राप्ति होती है, तथा लंबे समय तक पति के साथ विवाहित जीवन सुख प्राप्ति की अवसर मिलती है।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें