ग्राम समाचार, बोआरीजोर (गोड्डा) 17 सितंबर कुसबिल्ला पंचायत भवन में रविवार को समाज सुधारक ‘पेरियार’ ई वी. रामास्वामी की जयंती मनायी गयी।
बामसेफ के प्रदेश कार्यकारी शुद्र मृत्युंजय यादव, वकील मलेश्वर महतो, अरुण महतो, डा.गयासेन दता, बामसेफ भारत मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। तर्कवादी नेता पेरियार का 17 सितंबर, 1879 में जन्म हुआ था तथा 24 दिसंबर, 1973 को उनका देहावसान हो गया।
पेरियार ईवी रामास्वामी कौन थे
ईवी रामास्वामी यानि पेरियार दक्षिण भारत के दिग्गज नेता थे। ऐसे नेता जिन्होंने काफी हद तक दक्षिण भारतीय राज्यों की राजनीति तय कर दी। नई पीढियां शायद ही पेरियार के बारे में जानती हों. कौन हैं पेरियार। वो जीवनभर रूढिवादी हिंदुत्व का विरोध तो करते ही रहे, साथ ही हिन्दी के अनिवार्य पढाई के भी घनघोर विरोधी रहे. उन्होंने अलग द्रविड़ नाडु की भी मांग कर डाली थी। उनकी राजनीति शोषित और दलितों के इर्दगिर्द घूमती रही। पेरियार का असल नाम ई वी रामास्वामी था. वो तमिल राष्ट्रवादी, राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उनके प्रशंसक उन्हें सम्मान देते हुए ‘पेरियार’ कहते थे।
पेरियार का मतलब है पवित्र आत्मा या सम्मानित व्यक्ति. उन्होंने ‘आत्म सम्मान आन्दोलन’ या ‘द्रविड़ आन्दोलन’ शुरू किया। जस्टिस पार्टी बनाई, जो बाद में जाकर ‘द्रविड़ कड़गम’ हो गई। उन्हें एशिया का सुकरात भी कहा जाता था। विचारों से उन्हें क्रांतिकारी और तर्कवादी माना जाता था। वह एक धार्मिक हिंदू परिवार में पैदा हुए, लेकिन ब्राह्मणवाद के घनघोर विरोधी रहे। उन्होंने न केवल ब्राह्मण ग्रंथों की होली जलाई बल्कि रावण को अपना नायक भी माना।
पेरियार की जयंती में ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के रूप में भी मनायी जाती है क्योंकि राज्य की प्रगति में उनके द्वारा शुरू किये गये आत्मसम्मान आंदोलन की बड़ी भूमिका रही है।
इस आंदोलन के चलते ही पिछड़े एवं वंचित वर्ग के लोग अपने लिए उठ खड़े हुए तथा फिर दमनकारी सामाजिक व्यवस्था काफी हद तक बदली।
बामसेफ भारत मुक्ति मोर्चा द्वारा पेरियार ईवी रामास्वामी के जंयती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
बामसेफ भारत मुक्ति मोर्चा इसी विचारधारा के अनुरुप दबे कुचले वंचित, जाति व्यवस्था के खिलाफ को लेकर लगातार गांव से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ी जा रही है। साथ ही लोगों को अपने हक अधिकार के प्रति भी जागरूक कर रहे हैं। जयंती के मौके पर अजय मुर्मू, संतलाल मुर्मू, सुबल हेंम्ब्रम,रंजीत दास, मुकर्रम अंसारी साजिद अंसारी इस्लाम अंसारी इत्यादि शामिल हुए।
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