इनेलो के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में महिला आरक्षण पर पारित किए गए बिल का स्वागत करते हुए कहा कि राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व होना स्वच्छ लोकतंत्र की खूबसूरती है। इसी के साथ बीजेपी सरकार को देश की महिला शक्ति से इस बिल को देरी से लाने के लिए माफी भी मांगनी चाहिए।
इनेलो प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी सरकार की महिला आरक्षण देने के मामले में नीयत साफ होती तो भाजपा 2014 से सत्ता मे हैं ओर उन्होंने चुनाव में महिलाओं से इस आरक्षण का देने का वायदा किया था ये ही वायदा 2019 में भी किया था लेकिन अब 2024 के चुनाव नजदीक आने से महिलाओं को बरगलाने का तरीका खोजा है ताकि उनकी सहानुभूति से वोट बटोरी जा सके पर अब देश की जनता बीजेपी के जाल में नही फसने वाली। क्योकी बीजेपी की मंशा ठीक होती तो 2014 के बाद इस बिल को लेकर पास करवा सकती थी लेकिन ऐसा नही करके देश की आधी आबादी महिलाओं के साथ धोखा किया है।
क्योंकि जब तक जनगणना नही हो जाती और परिसीमन नही हो जाता तब तक ये बिल लागू नही होगा इसका मतलब महिलाओं के सामने लड्डू तो रख दिया और खाने की पाबंदी लगाकर उनकी भावनाओं को आहत करने का काम आज भारतीय जनता पार्टी ने किया है। एडवोकेट डहीनवाल ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार की बड़ी नाकामी ये भी है कि समय पर जनगणना नही करवा पाई और देश के हर 10 साल में होने वाली मे जनगणना जो कि 2021 में होनी वो 2023 के अंत तक नही करवा पा रही अगर समय से जनगणना करवा दी होती व समय रहते परिसीमन करवा देती तो 2024 के चुनावों में ही महिलाओं को आरक्षण का लाभ मिल सकता था ।एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने कहा कि
महिला आरक्षण बिल में एससी एसटी व ओबीसी कैटेगरी को आरक्षण नही देना ये दिखा रहा है बीजेपी की मंशा दलित आदिवासी व पिछड़ों को राजनीतिक भागीदारी से वंचित रखने की है। ये इनके हक पर डाका डालने की तैयारी में हैं। ये बीजेपी सरकार काम कम करती है लेकिन श्रेय लेने में दो कदम आगे रहती है। अब जनता इनके असली चेहरे को देख चुकी है। जों कि अब इनके झांसे में नही आने वाली।
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