रेवाड़ी : कोविड-19 महामारी के दौरान पूरी दुनिया में उथल-पुथल रही, हजारों-लाखों की जान चली गई. भारत में भी हालात चिंताजनक रहे. इस बीच कुछ युवा सितारों की मौत भी देश ने देखी. टीवी फेम सिद्धार्थ शुक्ला, साउथ स्टार पुनीत राजकुमार और कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव जैसे नामचीन कलाकार हमारे बीच से चले गए. ये लोग अचानक कार्डियक अटैक की वजह से इस दुनिया को अलविदा कह गए. ऐसे मामलों में कोरोनरी आर्टरी ब्लॉक हो जाती हैं और दिल को ब्लड सप्लाई रुक जाती है।
इनमें से कुछ मौतें घातक एरिथमिया (रिदम डिस्टर्बेंस) जैसे वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया / फाइब्रिलेशन के कारण हो सकती हैं. भारत में फिलहाल 40 वर्ष से कम उम्र के 25% मरीजों और 50% आयु वर्ग के 50% मरीजों को हार्ट अटैक का खतरा रहता है. इससे ये पता चलता है कि हम कार्डियोवैस्कुलर बीमारी या सीवीडी (दिल के दौरे और स्ट्रोक) की महामारी के बीच हैं. फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट गुरुग्राम में नॉन इनवेसिव एंड क्लीनिकल कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर व हेड डॉक्टर विनायक अग्रवाल ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि भारत में दुनिया के अंदर सबसे ज्यादा युवा आबादी है, ऐसे में यहां एक बड़ी चिंता का विषय है.
क्या यह कोविड-19 के बाद की खोज है या उसके बाद की खोज है? हमें ऐसा नहीं लगता. पट्टिका टूटना (प्लेक रप्चर) कुछ रिस्क फैक्टर्स से शुरू होता है. इंटर हार्ट स्टडी के अनुसार, खराब जीवनशैली, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, अनियमित नींद, हाई स्ट्रेस वातावरण समेत कोरोनरी धमनी रोग की फैमिली हिस्ट्री इसके लिए रिस्क फैक्टर हैं. ये सभी फैक्टर भारत के युवाओं में काफी ज्यादा है.
हाई कार्बोहाइड्रेट और फैट डाइट, तेल का बार-बार इस्तेमाल (ट्रांस फैट को बढ़ाता है) जैसी चीजों से सीवीडी का खतरा बढ़ता है. इसके अलावा पर्यावरणीय कारणों के साथ जीन की चीजें इस रिस्क बढ़ाती हैं. एक और बात ये कि पहले हार्ट डिजीज को अमीर लोगों की बीमारी माना जाता था, लेकिन आज पूरी तरह से उलट हैं. सीवीडी अब गरीबों को भी चपेट में ले रही है. PURE सब-स्टडीज के साइंटिफिक डेटा से पता चलता है कि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में सीवीडी पूरे दक्षिण एशिया में 35.5 फीसदी मौतों का सबसे आम कारण है.
लंबी और स्वस्थ जिंदगी गुजारने का कोई शॉर्टकट नहीं है. अपने जीवन में कुछ बदलाव करके, रोज 30 मिनट एक्सरसाइज, बैलेंस डाइट, ज्यादा फ्रूट, सब्जियां खाकर काफी सुधार किया जा सकता है. इसके अलावा स्मोकिंग व तंबाकू का सेवन बंद करें, ब्लड प्रेशर को संयमित रखें, नींद पर्याप्त लें, और अपने आसपास के वातावरण को तनाव मुक्त रखने से एक स्वस्थ जीवन गुजारा जा सकता है।
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