ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। बाराहाट प्रखंड क्षेत्र के लौढिया गांव के देवेश कुमार मिश्रा वर्ष 2006 में आर्मी में सिग्नल मेन के पद पर चयनित हुए थे। इधर हाल ही में वह लद्दाख में तैनात थे। उनका अपने परिजनों से वहां के कैंप से बातचीत का समय-समय पर सिलसिला जारी था। लेकिन आर्मी जवान की मां सुनीता देवी के मुताबिक पिछले 26 सितंबर को अचानक पंजवारा थानाध्यक्ष अनिल कुमार साव उनके घर पर आए और उन्होंने बताया कि देवेश कुमार मिश्रा के तैनाती वाली जगह के ऑफिसर के द्वारा फोन पर सूचना प्राप्त हुई है कि, वह 1 सितंबर से 25 सितंबर तक की छुट्टी के उपरांत वापस 26 तारीख को अपने कैंप नहीं लौटा है। जानकारी मिलते ही मां के पैरों तले से जमीन खिसक गई। मां को देवेश कुमार मिश्रा के छुट्टी पर रहने और वापस अपने कैंप में नहीं लौटने की कोई जानकारी नहीं थी। थानाध्यक्ष पूछताछ कर वापस लौट गए, इसके बाद से पीड़ित जवान की मां के मुताबिक उन्होंने
कैंप के अधिकारियों से बात की लेकिन कोई भी सार्थक जवाब नहीं मिला। लापता हुए आर्मी के जवान देवेश कुमार मिश्रा की बहन वर्षा कुमारी के मुताबिक उसे अपने भाई के छुट्टी पर रहने की कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन 26 सितंबर को आखिरी बार उसके मोबाइल पर बात हुई थी। उसने सब कुछ सामान्य और ऐसी कोई भी बात नहीं बताई जिससे वह परेशान लगा हो। लेकिन तब से लेकर उसके बाद जिस नंबर पर परिवार वालों से आर्मी के जवान की बात होती थी। वह नंबर स्विच ऑफ आ रहा है। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है। परिजनों का देरी जवाब देता जा रहा है। मां अपने बेटे की तस्वीर को लेकर रो-रो कर बेहोश हो रही है। इधर जवान की विधवा मां अपने बेटे की सलामती को लेकर आशंकित है। बहन भी स्थानीय पुलिस से लेकर उसके तैनाती जगह के अधिकारियों से बात कर कर थक चुकी है। इस संबंध में एसडीपीओ विपिन बिहारी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उन्होंने मामले में हर संभव पीड़ित परिवार को मदद का भरोसा दिलाया।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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