ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। श्राद्ध हिन्दू एवं अन्य भारतीय धर्मों में किया जाने वाला एक कर्म है जो पितरों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता अभिव्यक्त करने तथा उन्हें याद करने के निमित्त किया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि जिन पूर्वजों के कारण हम आज अस्तित्व में हैं, जिनसे गुण व कौशल, आदि हमें विरासत में मिलें हैं, उनका हम पर न चुकाये जा सकने वाला ऋण हैं। वे हमारे पूर्वज पूजनीय हैं। गीता जी के अध्याय 9 श्लोक 25 के अनुसार पितर पूजने वाले पितरों को, देेव पूजने वाले देवताओं को और परमात्मा को पूजने वाले परमात्मा को प्राप्त होते हैं। अर्थात् मनुष्य को उसी की पूजा करने के लिए कहा है जिसे पाना
चाहता है। इसी कड़ी में अधिवक्ता संजय कुमार मिश्रा के स्वर्गीय पिता कमलेश्वरी मिश्र का प्रथम वार्षिक श्राद्ध शनिवार को मनाया गया बताते चलें कि अधिवक्ता संजय कुमार मिश्रा के पिता कमलेश्वरी मिश्र का देहावसान उनके निवास स्थान ब्राह्मण समाज रामपुर गांव में 2022 में हो गया था। मालूम हो कि स्व० मिश्रा ने शिक्षा उत्थान के लिए समाज में अनेकों कार्य किए। स्व० मिश्रा हमेशा ही अपने मिलने वालों के बीच काफी मिलनसार थे। अपना शेष जीवन उन्होंने ब्राह्मण समाज रामपुर गांवों का कल्याण करने में बिताया और उन्होंने विकास की एक नई गाथा लिखी। उनका बोधवाक्य था...... 'मैं अपने लिए नहीं, अपनों के लिए हूं। अपने वे हैं जो पीड़ित और उपेक्षित हैं।' उनकी विलक्षण प्रतिभा से समाज के सभी वर्ग प्रभावित थे।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें