रेवाड़ी में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की हड़ताल 19वें दिन भी जारी रही। सफाई कर्मचारियों ने राजीव चौक स्थित धरना स्थल पर ही भगवान वाल्मीकि की जयंती मनाई। मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी।
प्रदेश में जैसे-जैसे हरियाणा ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की अनिश्चितकाल हड़ताल आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे उनका आंदोलन तेज होता जा रहा है। शनिवार को ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का आंदोलन 19वें दिन में प्रवेश कर गया। सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन तेज करते हुए अपनी मांगों को दोहराया और सरकार को चेतावनी दी। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की ओर से सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रतिदिन नए-नए प्रदर्शन के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। अपने तय शुदा कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को सफाई कर्मचारियों ने धरना स्थल पर ही भगवान वाल्मीकि की जयंती मनाई और भगवान वाल्मीकि की प्रतिमा पर पुष्प चढ़कर उन्हें नमन किया। सफाई कर्मचारियों ने कहा कि यह सरकार की बेरुखी का नतीजा है कि 20 दिन हड़ताल को हो गए लेकिन सरकार सफाई कर्मचारियों की मांगों को अनसुना कर रही है। जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई बद से बदतर हो गई है। उन्होंने कहा कि जब वे गांव से आते हैं तो अपने गांव को देखकर बहुत निराशा होती है कि जिस गांव को वह हमेशा साफ सुथरा रखना का काम करते थे आज वही गांव किस प्रकार सरकार की बेरुखी के चलते गंदे होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तों सरकार स्वच्छ भारत अभियान का ढोल पीटते नहीं थक रही लेकिन ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते गांव में सफाई का क्या हाल हो रहा है यह किसी से छुपा नहीं है। ग्रामीण सफाई कर्मचारी के जिला प्रधान राजकुमार, हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन के जिला प्रधान पवन यादव, सीटू जिला प्रधान राजेंद्र सिंह सहित विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि आज उनकी हड़ताल को 19 दिन हो गए हैं उनकी बस यही मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए या वेतन 26400 दिया जाए लेकिन सरकार इस और कोई ध्यान नहीं दे रही है उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को विभिन्न संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है शनिवार को हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन, सर्व कर्मचारी संघ, वन विभाग मजदूर यूनियन तथा सीटू आदि ने अपना समर्थन देते हुए सफाई कर्मचारियों की मांगों को जायज बताया और सरकार से इन्हें जल्द पूरा करने की मांग की।
सफाई कर्मचारी यूनियन के सचिव मनोज कुमार, ब्लॉक प्रधान बावल नवल सिंह, सीटू प्रधान रामकुमार तथा हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन के जिला प्रधान पवन यादव आदि ने कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार से उनकी एक ही मांग है की 17 साल से सफाई कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन आज तक उन्हें कर्मचारी तक का दर्जा नहीं मिला है इसलिए या तो उन्हें कर्मचारी का दर्जा दिया जाए या फिर उनके वेतनमान में बढ़ोतरी कर 26400 किया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा लगातार आंदोलन करने के बाद भी ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगों को अनसुना किया जा रहा है। 20 अगस्त और 26 दिसंबर 2022 को पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के साथ टोहाना और चंडीगढ़ में वार्तालाप होने के बावजूद भी मांगों को लागू नहीं किया जा रहा है। हरियाणा के 11 हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को काम करते हुए 17 साल हो चुके हैं।
आज तक भी कर्मचारियों को पक्का करने के लिए सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई। बीते 9 वर्षों में कर्मचारियों ने ब्लॉक से लेकर राज्यस्तर पर धरने प्रदर्शन किए हैं, लेकिन इनको सफाई कर्मचारी का दर्जा मिलना तो दूर समान काम के लिए समान वेतन का लाभ भी नहीं मिला। इसी के चलते प्रदेश भर के ग्रामीण सफाई कर्मियों की यूनियन के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल 10 अक्टूबर से जारी है।
जिला प्रधान राजकुमार कुमार आदि वक्ताओं ने कहा की गांवों को साफ-सुथरा रखने के लिए सरकार ने 2007 में उनकी नियुक्त की थी। नियुक्त के समय से लगातार आज तक काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनका शोषण कर रही है। न्यूनतम वेतन 26 हजार 400 रुपए देना चाहिए और सरकारी कर्मचारी घोषित करना चाहिए।
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