भारत मां के गौरव एवं सनातन संस्कृति के प्रहरी हिंदू हृदय सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य की हवेली स्मारक कुतुबपुर,रेवाड़ी से राष्ट्रभक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर "मेरी माटी मेरा देश" कार्यक्रम के अंतर्गत स्वतंत्रता सेनानियों,गुमनाम सेनानियों और अमर वीर शहीदों की स्मारकों से मिट्टी एकत्रित अभियान के तहत उनकी पवित्र मिट्टी कलश में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.आर.के.जांगड़ा विश्वकर्मा, सदस्य, स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा सरकार एसटीएफ की अगवाई में सुधीर भार्गव, प्रो.रमेश चंद्र शर्मा एवं अन्य गणमान्य वर्ग के साथ के एकत्रित कर दिल्ली के लिए भेजी गई। हिंदू सनातन संस्कृति की रक्षा के संकल्प के साथ प्रो. रमेश चंद्र शर्मा ने कहा सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य का महान व्यक्तित्व हमेशा अजर अमर रहेगा।उन्होंन ने कहा हेमू की शौर्य गाथाएं हमेशा देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेगी। कार्यक्रम में सुधीर भार्गव ने कहा सनातन संस्कृति को जिंदा रखने में हेमचंद्र विक्रमादित्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने पीएम मोदी की अनूठी पहल का स्वागत करते हुए कहा हेमू की वीरता युवा पीढ़ी को सनातन संस्कृति और देशभक्ति के लिए प्रेरित करती रहेगी।
कार्यक्रम के संयोजक पर्यावरणविद् डॉ. आर.के.जांगड़ा विश्वकर्मा, सदस्य, स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा सरकार एसटीएफ ने "मेरी माटी - मेरा देश" अभियान के बारे विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा किसी भी सच्ची नागरिक के लिए उसके देश की मिट्टी से बढ़कर कुछ नहीं होता है। उन्होंने कहा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप स्मारक चावंड उदयपुर, 1857 की क्रांति नसीबपुर, नारनौल राव तुलाराम राव गोपाल देव के नेतृत्व में 5000 अनाम बलिदानियों की मिट्टी, जलियांवाला बाग की मिट्टी, चंद्रशेखर आजाद स्मारक,शहीद भगत सिंह स्मारक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक,लाला लाजपत राय स्मारक,अमर वीर शहीदों की स्मारकों एवं आजाद हिंद फौज के अनेक स्वतंत्रता सेनानीओं की मिट्टी अमृत वाटिका हेतु एकत्रित करने का सौभाग्य मिला।उन्होंने कहा देश की मिट्टी पवित्रता की पराकाष्ठा भी है और संकल्पों की शक्ति भी है। अथर्ववेद में कहा गया है की 'माता भूमि: पुत्रों अहं प्रथिव्या:' अर्थात भूमि मेरी माता है और मैं उसका पुत्र हूं।स्वामी विवेकानंद ने विदेश से 15 जनवरी 1897 को चार साल बाद लौटने के बाद अपनी धरती माता को नमन कर क्षमा प्रार्थना की। यह घटना भारत मां की मिट्टी की पवित्रता को दर्शाता है। भारत के जलियां वाला बाग की मिट्टी की उधम सिंह ने लगभग 21 वर्ष तक प्रतिदिन पूजा की। उन्होंने 13 मार्च 1940 को जनरल डायर को मारकर हजारों निर्दोष भारतीयों की हत्या का बदला लिया।डॉ.विश्वकर्मा ने कहा हल्दीघाटी की मिट्टी महान योद्धा महाराणा प्रताप के साहस, संघर्ष, प्रेरणा और विजय की प्रतीक है।आज भी लोग इस मिट्टी को अपने माथे पर लगाकर स्वयं को गोरावांवित महसूस करते हैं। रक्त तलाई की मिट्टी को देखकर आज भी देशवासियों के मन में इसकी प्रति श्रद्धा विश्वास और राष्ट्रभक्ति के भाव जीवनत हो जाते हैं।
डॉ. विश्वकर्मा ने कहा राष्ट्रभक्ति प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि भारत के ऐसे सभी ऐतिहासिक स्थलों सहित हर घर की पवित्र मिट्टी का पूजन कर आजादी के अमृत महोत्सव का समापन कार्यक्रम 'मेरी माटी मेरा देश' के रूप में मनाया जायें। देशभर से अमृत कलशो की ऐतिहासिक मिट्टी का उपयोग हमारे महान बलिदानों के सम्मान में नेशनल वॉर मेमोरियल के पास अमृत वाटिका बनाने में किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों में एक संकल्प अक्सर सुना है -"सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा, मेरा वचन है भारत मां को,मैं शीश नहीं झुकने दूंगा"। इस संकल्प की शक्ति है कि आज दुनिया में भारत की जय जयकार हो रही है। भारत में सफल जी -20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया।उन्होंने कहा विकसित भारत के सपने को साकार करने में 'मेरी माटी मेरा देश'अभियान से निर्मित होने वाली अमृत वाटिका आने वाले 25 वर्षों में अमृत काल के पंच प्रणों की पूर्ति तो करेगी ही, साथ में हमारे बलिदानियों के सपनों को साकार करने के लिए देश की युवा पीढ़ी को भी प्रेरित करेगी। डॉ.विश्वकर्मा ने कहा पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के बलिदानों की याद में अमृत वाटिका का निर्माण होगा। डॉ.विश्वकर्मा ने कहा रेवाड़ी को कर्म भूमि बनाते हुए सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य नें देशभर में वीरता का परिचय दिया था उनके पवित्र मिट्टी एकत्रित करने का मुझे सौभाग्य मिला है। महान योद्धा हेमचंद्र विक्रमादित्य की पवित्र मिट्टी अमृत वाटिका में समाहित करने हेतु डॉ.आर.के. जांगड़ा विश्वकर्मा स्वयं लेकर कर्तव्य पथ दिल्ली पहुंचेंगे। इस अवसर पर पीएम मोदी से हेमू की यादों को संजोय रखने हेतु रेवाड़ी में राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग के साथ सम्राट हेमचंद्र की याद में डाक टिकट जारी करने पर पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया गया।पीएम मोदी की राष्ट्रवादी सोच की बदौलत महान योद्धाओं,गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की शौर्य गाथाएं लिखने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा पहले की सरकारों ने देश के इतिहास के पन्नों में क्रूर शासको का महिमामंडन अधिक किया गया है जबकि सम्राट हेमू जैसे योद्धाओं को इतिहास में जगह नहीं दी गई।वह वीरता,राजनीति कौशल और राजनीतिक दूर दृष्टि वाले व्यक्तित्व की धनी थे।उन्होंने भारत की सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए अंतिम समय तक लड़ाइयां लड़ते रहे।सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य पहले हिंदू राजा थे जिन्होंने काबुल से कन्याकुमारी तक अखंड भारत का संकल्प लिया था।इस अवसर पर सम्राट हेमू की याद में पौधारोपण भी किया गया। कार्यक्रम में प्रो.आर.सी. शर्मा, सुधीर भार्गव, प्रदीप भार्गव, महेश शर्मा, जयनारायण शर्मा, जगदीश सैनी, पीसी शर्मा, प्रताप सिंह,श्रीभगवान यादव, राव धर्मपाल यादव आदि अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
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