ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। बौंसी प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में शारदीय नवरात्र को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। इसी कड़ी में बौंसी के पुरानी हॉट स्थित दुर्गा मंदिर में बुधवार को भी देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप कूष्मांडा की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान सुबह से ही श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने मंदिर पहुंच गए। महिला सहित बच्चों ने भी मां दुर्गा की पूजा अर्चना की और अपने परिवार की मंगल कामना की। मंदिर में श्रद्धालुओं को पूजा अर्चना करने में दिक्कत ना हो इसको लेकर मंदिर समिति के द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पंडितों के अनुसार नवरात्र के चौथे दिन मां दुर्गा के देवी कूष्मांडा रूप की पूजा करने का विधान है। माता का यह स्वरूप परम शांति दायक है। यह दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र से विभूषित है। पौराणिक कथा के अनुसार जब असुरों का आतंक बढ़ने लगा तो मां दुर्गा ने मां कुष्मांडा का अवतार लिया। इनकी आठ भुजाएं हैं। कमंडल, धनुष बाण, चक्र, गदा, अमृतपूर्ण कलश, कमल पुष्प, सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। पौराणिक मान्यता है कि जब सृष्टि
का अस्तित्व नहीं था उससमय माता ने ब्रह्मांड की रचना की तथा सृष्टि की आदिस्वरूपा और आदिशक्ति बन गई थीं। यह केवल एक मात्र ऐसी माता है जो सूर्यमंडल के भीतर के लोक में निवास करती हैं। इनकी पूजा करके व्यक्ति अपने कष्टों और पापों को दूर कर सकता है। बताते चलें कि, पुरानी हार्ट स्थित दुर्गा मंदिर में महिलाओं द्वारा प्रत्येक दिन संध्या को मां दुर्गा की पारंपरिक गीतों को घंटा गया जाता है। जिससे पूरा माहौल भक्तिमय बना रहता है। यहां मंदिर में 9 दिनों तक अखंड चंडी पाठ पंडितों के द्वारा किया जाता है। जिसमें पंडित अमन झा, देवव्रत झा, राजा झा, राजेश झा, विकास झा, राजीव झा, माधवन झा एवं प्रकाश झा के द्वारा 9 दिनों तक अखंड चंडी पाठ किया जाता है। मालूम हो कि, मंदिर में शारदीय नवरात्र के अलावा चैती नवरात्रा एवं काली पूजा में प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके अलावा गणेश पूजा भी की जाती है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर कीमती पत्थर के भगवान गणेश एवं बजरंगबली की प्रतिमा स्थापित की गई है। मूर्तिकार सुबल साह के तीन पीढियां के द्वारा लगातार प्रतिमा बनाई जा रही है। अष्टमी को डलिया चढ़ाने व एकादशी के दिन महाभोग में काफी लोग आते हैं।
रौशन कुमार,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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