ग्राम समाचार,चांदन,बांका। बिहार दलित विकास समिति के तत्वावधान में बाल संसद सदस्यों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्धाटन दीप प्रज्वलित कर चांदन प्रखंड के बी0आर0पी0 परमानंद साह ने किया गया। इस अवसर पर श्री साह ने बाल संसद गठन हेतु सरकार की मंशा व सोच, बाल संसद गठन का उद्देश्य, बाल संसद की गठन की प्रक्रिया, बाल संसद के सदस्य कौन, बाल सभा का आयोजन कब और कैसे, विद्यालय में बाल संसद की भूमिका तथा अन्य शैक्षिक जानकारी विस्तार से देते हुए बताया कि बाल संसद विद्यालय के छात्र/छात्राओं का एक मंच है इससे जीवन कौशल का विकास, बच्चों में नेतृत्व व निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना, विद्यालय के हरेक गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी बढ़ाने, विद्यालय को आनंदायी बनाने, सुरक्षित और साफ़-सुथरा रखने के लिए बाल संसद का गठन किया गया है। बाल संसद का गठन प्रत्येक साल अप्रैल से मई माह तक में करना
अनिवार्य होता है। आगे उन्होंने नें बताया कि चांदन प्रखंड में लगभग 3000 बच्चों का नामांकन रद्द कर दिया गया है। इसलिए बच्चों को नियमित विद्यालय यूनिफॉर्म में जाना जरूरी है। इस अवसर पर दलित मुक्ति मिशन के निदेशक महेंद्र कुमार रौशन ने बाल संसद सदस्यों से पूछा कि आपके विद्यालय में बाल संसद का गठन हुआ है ? अगर हाँ तो बैठक होती है ? इसमें से कौन कौन प्रधानमंत्री, मंत्री या सदस्य हैं ? इसपर सभी बच्चे चुप्पी साध ली यानी बच्चों को पता नहीं कि हम बाल संसद के सदस्य हैं या नहीं। कार्यशाला में उत्क्रमित मध्य विद्यालय नारायणडीह, भैरोडीह, कुसुमजोरी, नोनिया, चरैया , जोकटाहा आदि के 100 अधिक बच्चे शामिल हुए। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता लखन मुर्मू, महालाल बेसरा, सरोज कुमार, सुनीता देवी, दिपक कुमार आदि अन्य लोग भी शामिल हुए और बाल संसद के बारे में अवश्यक जानकारी दिया।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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