ग्राम समाचार,चांदन,बांका। नौ दिनों तक चले शारदीय नवरात्र के बाद चान्दन में दशहरा पर्व शांति व सौहार्द के माहौल में संपन्न हो गया। चान्दन दुर्गा मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां दुर्गा एवं अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा का दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की। महिलाएं मां दुर्गा के चरणों में चढ़ा सिंदूर और भस्म लेने को लेकर उत्साह दिखे। महिलाओं ने मां को समर्पित होने वाले सिंदूर को अपनी मांग में भरकर एक दूसरे को मांग में सिंदूर लगाई। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से पति की उम्र लंबी होती है। चान्दन दुर्गा मंदिर में स्थापित मां दुर्गा एवं अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा पुराना बांध तालाब में विसर्जित किया गया। गाजे- बाजे के साथ निकली शोभा यात्रा के बाद माँ को विदाई दी गई। इससे पूर्व आचार्य लालमोहन पांडेय एवं पुजक उपेंद्र पांडेय ने वेद मंत्रोच्चारण के साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना कराई। इसके बाद मां की विदाई की तैयारी शुरू हुई। पंडित लालमोहन पांडे ने
बताया कि चान्दन दुर्गा मंदिर में देवी दुर्गा की पूजा बांग्ला पद्धति से कि जाती है। यह मंदिर 500 वर्ष पुरानी मंदिर सिद्ध पीठ के रूप में चर्चित है। यह मंदिर पुत्र प्राप्ति के लिए स्थापित किया था। पहले यहा नर बलि दिया जाता था। उसे बदल कर पाठा बलि दिये जाते है। यहां अष्टमी तिथि से नवमी तिथी तक लगभग 500 पाठा बलि दिये जाते है। मान्यता है की इस मंदिर में जो भक्त सच्चे मन से अराधना करते हैं माता उनकी मुराद करते हैं। यहां महिलाएं विसर्जन के समय मां दुर्गा की खौंईचा देकर मांग में सिंदूर लगती है। और महिलाओं के द्वारा मां को विदाई दी जाती है। प्रतिमा विसर्जन के दौरान पूजा कमेटी के अध्यक्ष विक्रम कुमार दुबे, सचिव अशोक शर्मा, उपाध्यक्ष नीरज सिन्हा, कोषाध्यक्ष राजकुमार पांडेय, प्रभाकर पांडेय, मुखिया अनिल मंडल, नंदकिशोर बरनवाल, अरुण मिस्त्री, प्रियचन्द आजाद, मनीष शर्मा, युगल किशोर सिंह, दिनेश मिस्त्री, सुनील शर्मा, रतन मिस्त्री, रोशन मालाकार, रविंद्र कुमार रवि, विक्की पोद्दार, राजीव शर्मा, मनोज शर्मा एवं भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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