एम्स संघर्ष समिति मनेठी का धरना छठे दिन भी विधिवत रूप से जारी रहा जिसकी अध्यक्षता समिति के प्रधान सयोताज सिंह पूर्व सरपंच ने की। संचालन कार्यकारी अध्यक्ष बाबू कैलाश चंद ने किया । एम्स संघर्ष समिति मनेठी के सचिव ओमप्रकाश सैन ने धरने की कामयाबी के लिए आने वाले लोगो का आभार जताया।
गौरतलब यह है कि महिलाओ ने भी अपनी भागीदारी शुरू कर दी है। संघर्ष समिति ने फैसला लिया है कि आंदोलन को संचालित करने के लिए नौजवानों का स्वयंसेवी दस्ता तैयार किया जायेगा और 22 अक्टूबर रविवार को जागो सरकार के नारे के साथ धरना युवाओं के नाम होंगा जिसका संचालन खुद युवा करेंगे। जिसमे रेवाड़ी महिंदरगढ और बहरोड़ के युवा काफी संख्या में हिस्सा लेंगे। कॉमरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने अपने भाषण में कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाए , उन्होंने कहा कि जब एच एल एल नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी को चार दिवारी का टेंडर दे दिया तो एम्स निर्माण की निविदा जारी क्यों नही की गई? अभी एम्स निर्माण टेंडर की फाइल सी पी डब्लू डी महकमा के पास पड़ी है । टेंडर को चार अवस्था से गुजरना पड़ता है जिसमे तीन महीने का समय न्यूनतम लगता है । यह ढिलाई, चुनाव के मद्देनजर की जा रही है। बाबू कैलाश चंद ने कहा कि ओपीडी शुरू करने एवम एमबीबीएस क्लास चालू करने में सरकार क्यों मौन है। सरकार इस पर ना ही तो हां कर रही है और ना ही इंकार कर रही है जबकि देश में 11 जगह निर्माणधीन एम्स पर यह सुविधाएं शुरू कर रखी है। सायोताज प्रधान ने कहा कि यह धरना हर उस को समर्पित है जो एम्स का स्वपन लेकर चल रहे है। माजरा गांव सरपंच एवम ब्लॉक खोल सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रविंद्र हाथी, सायोनारायण सरपंच पाडला, देश राज सरपंच मनेठी पूर्व मंत्री एम एल रंगा ने धरने में आकर पूरा समर्थन दिया और कहा कि एम्स संघर्ष समिति का आंदोलन काबिले तारीफ़ है। धरने को मास्टर लक्ष्मण सिंह, बी डी यादव रिटायर्ड एस डी ओ, मूलचंद आर्य, विपिन मनेठी, कर्नल राजेंद्र सिंह, महवीर पंच, रामस्वरूप सिंह, दयाराम, सत्यवीर, अमर सिंह राजपुरा, देसराज, बलवंत सिंह पंच, जयदयाल, सहीराम, पंडित मंगतू राम, बाबू लाल नानगवास, करण सिंह, कंवल सिंह, राजबीर सिंह, ईश्वर सिंह डॉक्टर एच डी यादव इत्यादि ने भी सम्बोधित किया।
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