हरियाणा सरकार कर्मचारियों कि लम्बित मांगों को जैसे कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, सरकारी विभागो का निजिकरण बंद करना, जो सरकारी कर्मचारी कार्य कर रहे है उनकी जॉब सुरक्षा की गारंटी लेना, सरकारी विभागों में लाखो पद खाली है उनको स्थाई भर्ती करके भरना, हरियाणा कौशल रोजगार को भंग करना, प्रदेश के कर्मचारियों कि नई स्कीम पेंशन योजना को बंद करके पुरानी पेंशन योजना लागू करना, सभी लिपिक कर्मचारियों को 34500 वेतन मान देना आदी इन सभी मांगो को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा लंम्बे समय से आंदोलन कर रही है। मगर सरकार सर्व कर्मचारी संघ के द्वारा जो कर्मचारियों कि मांग उठाई जा रही है। उनको मानने कि बजाए कर्मचारियों का हनन् करते हुए कर्मचारियों में भय और भ्रम फैलाने कि ज्यादा कोशिश कर रही है। अभी हरियाणा सरकार ने अपने प्रदेश के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 4% देने का ऐलान किया, जो कि महंगाई के अनुरूप कर्मचारियों का सिविल सर्विस नियम के हिसाब से वर्ष में 2 दफा बढ़ाया जाता है। मौजूदा DA 42 % से 46% जो किया गया है,प्रदेश का मुखिया इसको कर्मचारियों को दिपावली का तोहफा बताकर व्यापक प्रचार भी कर रहा है। जैसे कि कोई अतिरिक्त कर्मचारियों को बोनस दे दिया गया हो जबकी सरकार के द्वारा करोना काल के दौरान 18 माह का DA का ऐरियर आज तक कर्मचारियों को भुगतान नही किया गया है। जुलाई से लेकर सितंबर तक का DA का ऐरियर दिसम्बर के वेतन मे दिया जाएगा । सरकार अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली बात कर रही है। जबकी हकिकत कुछ और बया कर रही है। यदी सरकार प्रदेश के कर्मचारियों को वास्तविकता मे तोहफा अगर देना हि चाहती है। तो उपरोक्त दि हुई सभी मागों को लागू करे। वरना सरकार वाहियात के विज्ञापन देना बंद करें।
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