हरियाणा सरकार द्वारा 2 नवंबर को करनाल में अंत्योदय महासम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह महासम्मेलन हरियाणा में आए उस बदलाव का प्रतीक है, जिसका संकल्प मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने वर्ष 2014 में जनसेवा का दायित्व ग्रहण करने पर लिया था। उस समय भय, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, क्षेत्रवाद, जाति, वर्ण आदि भेदभावों से त्रस्त हरियाणा प्रदेश की जनता ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए जनादेश दिया था। इस जनादेश का सम्मान करते हुए श्री मनोहर लाल ने अंत्योदय की भावना से काम करना शुरू किया और आज 9 साल बाद अपने इस लक्ष्य की प्राप्ति में सफल हो गए हैं।
वर्तमान सरकार ने 9 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद पुरानी व्यवस्था को समाप्त करने में सफलता हासिल कर ली है। आज प्रदेश का परिदृश्य पूर्णता बदला हुआ है। विकास के लाभ गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंच रहे हैं। प्रदेश सरकार ने हरियाणा एक-हरियाणवी एक के भाव से सबसे पहले सबसे गरीब के उत्थान के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई है जिसमें कोई भेदभाव नहीं होता, जिसमें किसी को सरकारी सेवाओं व योजनाओं का लाभ पाने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। पहले की व्यवस्था ने लोगों को हमेशा निर्भर बनाए रखा जबकि वर्तमान सरकार ने लोगों को निर्भर नहीं बल्कि स्वाभिमानी बनाया है।
श्री मनोहर लाल कभी भी जाति-वर्ण की बात नहीं करते। वे कहते हैं कि समाज में केवल दो ही वर्ग हैं। एक सक्षम व समृद्ध लोगों का वर्ग है और दूसरा वंचित वर्ग है। इसलिए उन्होंने वंचितों को आगे लाने की ठानी और इसके लिए पहला काम वंचितों की सही पहचान करना था। यह काम परिवार पहचान पत्र के माध्यम से किया गया और आज इसी परिवार पहचान पत्र से के माध्यम से लाखों लाभार्थियों को प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ घर बैठे मिल रहा है।
मनोहर सरकार का पिछले 9 वर्ष का कार्यकाल हरियाणा में सद्भाव, सौहार्द, समान विकास, समरसता, सहिष्णुता के साथ-साथ उन बदलावों का साक्षी रहा है, जिनसे हर आदमी का जीवन सरल, सुगम और सुरक्षित हुआ है। आज आम आदमी की आशाएं, आकांक्षाएं फलीभूत हो रही हैं और उनके सपने साकार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री हरियाणा के विकास के इतिहास में नये-नये अध्याय जोड़ने के लिए कृतसंकल्प हैं और हमेशा लोगों का विश्वास जीतते रहेंगे।
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