Bihar News: बहुचर्चित अशोक मित्रा हत्याकांड के मुख्य गवाह के मौत ने खड़ा किया कई यक्ष प्रश्न

ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बिहार। 90 के दशक में हुए अशोक मित्रा हत्याकांड की याद एकबार फिर ताजा हो गई। आज अशोक मित्रा की पत्नी और बेटे की मौत हो गई। अंदेशा लगाया जा रहा है कि अशोक मित्रा हत्याकांड में इंसाफ न मिलने से उनके पत्नी और बेटे ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली या मां-बेटा किसी साजिश की शिकार हुआ है यह तो पुलिस अनुसंधान के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।  वही बता दे कि अशोक मित्रा हत्याकांड का मुख्य गवाह उनकी पत्नी ही थी।शहर के सहायक खजांची थाना क्षेत्र अंतर्गत आनंदपुरी में स्व अशोक मित्रा की पत्नी स्निगंधा मित्रा बेटे परियत मित्रा अपने घर मे अचेत मिले, जिसे परिजन में पूर्णियाँ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। लेकिन चिकित्सको के लाख प्रयास के बाबजूद दोनों ने दम तोड़ दिया। स्व. अशोक मित्रा के भाई अतिश मित्रा ने बताया कि सुबह उसका भतीजा परियत जोर जोर से आवाज देकर उसे बुलाया। जब वे लोग ऊपरी मंजिल पर दौड़कर गए तो दोनों माँ बेटा अचेत था और मुँह से झाग जा रहा था, साथ ही घर से दवा का बदबू आ रहा था। जिसके बाद मोहल्ले वालों को साथ लेकर दोनों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहाँ पहले बेटे ने दम तोड़ा फिर माँ की मृत्यु हो गई। वही किरायेदार सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि सबकुछ सामान्य था। पहले कोई किसी तरह का विवाद भी नहीं था। अशोक मित्रा के हत्या के बाद पत्नी को स्टाम्प भेंडर का लाइसेंस भी मिला था, जिससे उनकी माली हालत भी ठीक थी। अचानक से हुए यह हादसे से किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है। 






घटना को लेकर परिजनों ने बताया कि पारिजात उर्फ आशु और उनकी मां स्निग्धा मित्रा सुबह-सुबह 7:30 बजे आवाज दे रहे थे कोई बचा लो वही युवक आशु चिल्ला रहा था काकू बचा लो तब हम लोग जैसे घर घूस तो देखते हैं दोनों मां बेटे के मुंह से फन निकल रहा है गंभीर अवस्था में लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे अमृत घोषित कर दिया कोई मामले को लेकर पुलिस अनुसंधान कर रही है घटना की जानकारी देते हुए मृतक के चाचा अतीक मित्रा ने बताया कि बीते कुछ दिनों से मां बेटे के बीच किसी बात को लेके आपसी कलह चल रहा था। हालांकि इसकी वजह क्या थी ये बस मां बेटे को ही मालूम है। इसी को लेकर आज उनके भतीजे ने तेज आवाज लगाकर उन्हे आवाज दी। जिसके बाद वे कमरे में आए तो देखा की दोनों फर्श पर पड़े हैं। कमरे से बेहद बदबू आ रही थी। दोनों के मुंह से सफेद झाग निकल रहा था। थाईमेड का डब्बा रखा था। जिसके बाद आनन फानन में दोनों को जीएमसीएच पूर्णिया लाया गया। मालूम हो कि 90 की दशक में अपराधियों ने अशोक मित्रा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या किसने की, इस बात का पता पूर्णियाँ पुलिस आजतक नहीं लगा पाई है। बताया जा रहा है कि आरटीआई लगाकर अशोक मित्रा ने कई भू माफियाओं, पूंजीपतियों के नाक में दम कर रखा था। अशोक मित्रा हत्याकांड का पूरे बिहार में चर्चा में रहा था। वही आज बेटे और पत्नी द्वारा उठाये गए इस कदम से पूर्णियाँ के लोग स्तब्ध हैं और न्यायपालिका पर उंगली उठा रहे है।

कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ।

सौजन्य:- ईडब्लूएस एशिया न्यूज

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Editor - कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बाँका,(बिहार)

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