ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। नशा मुक्ति का अर्थ होता है व्यक्ति और समाज को नशीली पदार्थ और लतों से मुक्त कराना। नशा मुक्ति अभियान एक ऐसी पहल है जो हमें स्वस्थ, सक्षम और समर्थ समाज की दिशा में ले जाती है। आज के समय में नशा एक ऐसी समस्या बन गई है जिसका प्रभाव व्यक्ति, परिवार और समाज के सभी स्तरों पर दिखाई पड़ता है। इन सभी को देखते हुए भारत सरकार ने 26 जून 2021 को नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत 272 जिलों में यह अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य ना केवल भारत में नशीली दवाइयों और पदार्थों के सेवन को रोकना था तथा हर नागरिक को एकजुट कर नशा के खिलाफ जागरूक करना भी था। हमारी युवा पीढ़ी ही हमारे देश का भविष्य है। जिस तरह से हमारा देश विकस कर रहा है लोगों के रहन-सहन का तरीका भी बदल गया है। अब लोगों के मन में यह धारणा हो गई है कि नशीले पदार्थ हाई सोसाइटी का फैशन है। अब के समय में
लोगों की पार्टियां शराब या तंबाकू उत्पादन के बिना अधूरी सी है। बच्चे उसी माहौल में रच बस कर उसी को अपने जीवन का हिस्सा मानने लगते हैं और नशीले पदार्थों का सेवन करना शुरू कर देते हैं।व्यक्ति शुरू में तो इन नशीले पदार्थों के सेवन से आनंद महसूस करता है, लेकिन निरंतर उपयोग के चलते उस व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक बीमारियां झेलनी पड़ती है। और अगर यही लतें विकराल रूप ले लें तो व्यक्ति का पारिवारिक और सामाजिक जीवन भी तहस-नहस हो जाता है। फिर चाह कर भी व्यक्ति इन लतों से छुटकारा नहीं पाता है। इसी कड़ी में बिहार सरकार के निर्देशानुसार नशा मुक्ति अभियान के मद्देनजर चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के तहत रविवार को बौंसी थाना परिसर से जागरूकता रथ को रवाना किया गया। निकाली जागरूकता रथ से गांव गांव जाकर समाज के लोगों से नशा छोड़ने के लिए जागरूक किया जाएगा। नशा मुक्ति से सम्बंधित जागरूकता रथ के माध्यम से खासकर युवाओं से नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया जाएगा।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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