ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। ऐतिहासिक मंदार की तराई अवस्थित पापहरणी सरोवर के मध्य में बने अष्ट कमल लक्ष्मी नारायण मंदिर का 23 वां स्थापना दिवस गुरुवार को बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। देवोत्थान एकादशी को मंदिर में मंदार महाआरती का भी भव्य आयोजन किया गया। यजमान बने राजाराम अग्रवाल एवं उनकी धर्मपत्नी नीता अग्रवाल के द्वारा वैदिक कार्यक्रम किया गया। इसके साथ ही हजारों दीपक जलाकर मंदिर एवं सरोवर के तट को पूरे तरीके से सजाया गया था। देवोत्थान एकादशी को लेकर पौराणिक मंदार पर्वत रोशनी से जगमगा उठा। सस्वर वैदिक मंत्रोच्चारण और मंदार पर्वत की वंदना के साथ महाआरती की गई। इस दौरान आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। मालूम हो कि देवोत्थान एकादशी के दिन ही 2001 में अष्ट कमल लक्ष्मी नारायण मंदिर की स्थापना की गई थी। इस उपलक्ष में 18 वां मंदार महाआरती का आयोजन किया गया। भव्य और आकर्षक तरीके से सजाए गए लक्ष्मी नारायण मंदिर पवित्र पापहरणी रोवर के किनारे वेदज्ञ पंडितों की टोली और आस्थावान लोगों के द्वारा मंदार की महा आरती की गई। इसके पूर्व सुबह में 10:00 बजे महा अभिषेक के बाद दोपहर 3:00 बजे हवन का कार्यक्रम किया गया। मालूम हो कि, कार्यक्रम का आयोजन धार्मिक न्यास समिति के द्वारा किया गया। महाआरती को भव्य बनाने के लिए सुल्तानगंज के गंगा महाआरती के संजीव झा के
नेतृत्व में आए 5 पंडितों की टीम के द्वारा महा आरती कराई गई। मुख्य मंदिर के साथ-साथ सरोवर के चारों ओर रंगीन लाइट लगाई गई थी। जगमग करते हुए लाइट इस कदर दिख रहे थे कि मानो इंद्रधनुषी छटा बिखर रही हो। कार्यक्रम से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा। पंडित भवेश झा ने बताया एकादशी के दिन पर्वत राज मंदार की महाआरती करने से समस्त देवी देवताओं की पूजा एक साथ होती है। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए एसडीएम अरुण कुमार सिंह ने कहा कि मंदार एक पावन भूमि है और यहाँ देश के सभी राज्यों से श्रद्धालु पहुँचते हैँ । इस अवसर पर अंचलाधिकारी विजय कुमार गुप्ता, बौंस इंस्पेक्टर अमेरिका राम,थानाध्यक्ष नगर पंचायत के मुख्य पार्षद कोमल भारती, प्रभारी बीडीओ अंकित कुमार, धार्मिक न्यास परिषद के सचिव शंकर सिंह, कोषाध्यक्ष राजीव सिंह, द्वारिका मिश्रा, धीरज सिंह,वार्ड पार्षद गुलशन सिंह, मनीष अग्रवाल, जयवंत कुमार सहित भारी संख्या मे श्रद्धालु शरीक हुए। इस अवसर पर जिले भर से आए काफी संख्या में लोग मौजूद थे। वहीं दूसरी ओर मंदार शिखर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में गुरुवार को 72 घंटे के लिए भजन संकीर्तन का आयोजन शुरू हो गया। आयोजन गुरुवार से शुरू हुआ है और 26 नवंबर को पूर्णाहुति एवं 27 नंबर को पूर्णिमा के दिन मंदार परिक्रमा एवं भंडारा के साथ आयोजन का समापन होगा। भंडारा का आयोजन समीप महादेव मंदिर के पास किया जाएगा। मालूम हो कि वर्ष 2001 से लगातार कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर में धार्मिक आयोजन की जाती है।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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