रेवाड़ी। मनेठी में एम्स बनवाने की मांग को लेकर रेवाड़ी के कुंड में धरने पर बैठी एम्स संघर्ष समिति के लिए आज महिलाओं ने मोर्चा संभाला और सैकड़ो की संख्या में महिला पहुंची तो वहीं रेवाड़ी विधायक चिरंजीव राव भी सैकड़ो कार्यकर्ताओं के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और एम्स संघर्ष समिति को तन मन धन से अपना समर्थन दिया। विधायक चिरंजीव राव ने कहा करनाल से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार के राज में आज महिलाओं को एम्स की मांग के लिए धरना देना पड़ रहा है। जबकि इलाके ने एम्स की मांग नहीं की थी बल्कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्वयं 2015 में कहां था कि मनेठी हरियाणा में एम्स बनाया जाएगा। लेकिन मात्र 3 वर्ष बाद 2018 में मुख्यमंत्री ही बोलते हैं की अति उत्साह में मैंने एम्स की घोषणा की थी तभी से पूरा इलाका व एम्स संघर्ष समिति संघर्ष कर रही है और अब जनता का भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कभी अनशन, कभी धरना प्रदर्शन, कभी पैदल मार्च और न जाने कितने अथक प्रयास इलाके की जनता ने किए हैं जब जाकर भाजपा सरकार को झुकना पड़ा और 2019 में प्रधानमंत्री को यहां के एम्स की घोषणा करनी पड़ी थी। उसके बाद धरने पर बैठे यहां के लोग धरने से उठ गए थे। लेकिन जनता को क्या पता था कि यह बीजेपी का एक और जुमला है और चुनाव के बाद एम्स को भूल जाएंगे। हमारे यहां के लोगों ने सवेच्छा से 200 एकड़ जमीन भी एम्स के लिए सरकार को दे दी है। जबकि 2019 के बाद तीन एम्स की घोषणा देश में की गई और उनकी बिल्डिंग बनने लग रही हैं लेकिन हमारे एम्स का तो शिलान्यास तक नहीं किया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा सरकार की इच्छा शक्ति नहीं है एम्स बनवाने की। वहीं यदि बात करें यहां के मौजूदा सांसद राव इंद्रजीत सिंह की तो उनका मोनव्रत साढ़े 4 साल के बाद ही खुलता है। चुनाव के नजदीक ही उनको इलाका और जनता की याद आती है। पिछडेपन का कारण केवल राव इंद्रजीत सिंह हैं।
विधायक चिरंजीव राव ने कहा बजट में एम्स के लिए सरकार ने कोई पैसा ही पारित नहीं किया है तो फिर टेंडर कैसे लगेंगे। टेंडर वाली बात भाजपा सरकार झूठ बोल रही है तभी कभी तो कंपनी का बहाना लगाया जा रहा है तो कभी कोई और बहाना, जबकि असलियत चुनाव आते देख भाजपा सरकार द्वारा जनता को एक बार फिर ब्रगलाने की कोशिश की जा रही है। टेंडर के लिए पहले सरकार ने 3 नवंबर तक का समय अपनी साइट पर डाला था लेकिन 3 नवंबर तक का इंतजार न करके पहले ही कंपनी के बहाने से टेंडर को रद्द कर दिया। इससे सरकार की मनसा पर सवाल उठता है क्योंकि मौजूदा भाजपा सरकार एम्स को केवल राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहती है और पिछले चुनाव की तरह इस बार के चुनाव में भी एम्स के नाम पर लोगों को गुमराह कर वोट हथियाना चाहती है। लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। सबसे बड़ी बात है जब बजट में एम्स के लिए पैसा ही नहीं दिया तो सरकार एम्स कहां से बनवाएगी। विधायक चिरंजीव राव ने कहा जनता अब जान चुकी है कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में जिस तरह से इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय और सैनिक स्कूल बना था इस तरह से यहां पर एम्स भी कांग्रेस पार्टी ही बनवाएगी।
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