ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। रोजमर्रा की जिंदगी में कई लोग ऐसे भी जीवन यापन कर रहे हैं, जिनके जीवन में चट्टानों की भांति दर्द ही दर्द का बसेरा है और वे जालिमों के जुल्म के शिकार चले आ रहे हैं या फिर बूढ़ी हो चली उम्र के पड़ाव में समाज के अंदर न्याय पाने की आस में अपने भाग्य की जंग लड़ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बाराहाट थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव का है। जहां जगदंम्बी चौधरी पिछले 20 वर्षों से अपने पुत्र की तलाश में थाने न्यायालय से लेकर दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। पीड़ित पिता जगदंबी चौधरी ने बताया कि 2004 ईस्वी में बाराहाट के तत्कालीन
थानाध्यक्ष रामनरेश सिंह ने मेरे पुत्र राजनारायण चौधरी उर्फ बोंगा को बढौना गांव से गिरफ्तार किया था। उसके बाद से मेरे पुत्र का कुछ अता-पता नहीं चल पाया है। पुत्र की बरामदगी को लेकर बांका कोर्ट में नालसी पत्र दायर किया। जो नालसी पत्र अपहरण और हत्या के मुकदमे में तब्दील हो चुका है। आरोपी दारोगा अभी तक पुलिस के पहुंच से बाहर बताई जा रहा है। आगे उन्होंने बताया कि उसी के आक्रोश में 2007 ईस्वी में तत्कालीन दरोगा संजय कुमार पांडेय ने हमारे दरवाजे पर आकर घर पर खड़ा ट्रैक्टर खींच कर ले गया जो 17 साल बाद थाने से छुड़ा कर लाया हूं।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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