ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। श्री सीताराम विवाह कार्यक्रम के आठवें दिन रविवार को मुख्य मंच के सामने संध्या से श्री सीताराम विवाह का आयोजन किया गया। इसको लेकर श्री नारायण दास भक्ति माली सेवा संस्थान बक्सर से आये परिकरों के द्वारा निर्मित किये गये। आकर्षक मंडप पर जहां प्रभु श्री राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न अपनी पत्नियों के साथ विराजमान किया गया और यहां पर विवाह की लीला दिखायी गयी। लीला के माध्यम से पुरे विवाह प्रकरण को पुरे विधिविधान के साथ दिखाया गया। श्री रामचन्द्रजी का साँवला शरीर स्वभाव से ही सुंदर प्रदर्शित हो रहा था। उसकी शोभा करोड़ों कामदेवों को लजाने वाली थी। महावर से युक्त चरण कमल बड़े सुहावने लग रहे थे। कमर में सुंदर किंकिणी और कटिसूत्र अद्भुत लग रहे थे। विशाल भुजाओं में सुंदर आभूषण सुशोभित हो रहे थे। पीला जनेऊ महान शोभा दे रहा था। हाथ की अँगूठी चित्त को चुरा रही थी। पीला दुपट्टा काँखासोती (जनेऊ की तरह) शोभित थे। जिसके दोनों छोरों पर मणि और मोती लगे हुए थे। कमल के समान सुंदर नेत्र, कानों में सुंदर कुंडल, मुख तो सारी सुंदरता का खजाना प्रतीत हो रहा था। सुंदर भौंहें और मनोहर नासिका, ललाट पर
तिलक तो सुंदरता का घर प्रतीत हो रहा था। जिसमें मंगलमय मोती और मणि गुँथे हुए थे। सुंदर मौर में बहुमूल्य मणियाँ गुँथी हुई थीं, सब नगर की स्त्रियाँ और देवसुंदरियाँ दूलह को देखकर तिनका तोड़ रही थी। (उनकी बलैयाँ ले रही थीं ) और मणि, वस्त्र तथा आभूषण निछावर करके आरती उतार रही थीं और मंगलगान कर रही थीं। सब फूल बरसा रहे थे ऐसा मनोरम दृश्य देख कर श्रोता आनंद विभोर हो रहे थे। "कओने नगरिया सऽ एलै सुन्दर दुलहा, कतऽ एलै हे पचरंगिया बजनमा कतऽ एलै हे" पारंपरिक गीतों से पूरा माहौल गुजायामन हो रहा था। सुहागिनी स्त्रियाँ सुख पाकर कुँअर और कुमारियों को कोहबर (कुलदेवता के स्थान) में लाईं और अत्यन्त प्रेम से मंगल गीत गा-गाकर लौकिक रीति करने लगीं। पार्वतीजी श्री रामचन्द्रजी को लहकौर (वर-वधू का परस्पर ग्रास देना) सिखाती हैं और सरस्वतीजी सीताजी को सिखाती हैं। रनिवास हास-विलास के आनंद में मग्न है, (श्री रामजी और सीताजी को देख-देखकर) सभी जन्म का परम फल प्राप्त कर रही थीं। मुख्य रूप से कार्यक्रम की आयोजक सिया दीदी, श्री सीताराम विवाह महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुमन सौरव मौर्य, सचिव देवाशीष पांडे, भाजपा जिलाध्यक्ष विक्की मिश्रा, राजू सिंह, शिव कुमार साह, पूरनलाल टुडू, शंकर सिंह, मनीष राय, नवनीत आनंद, गंगा महासभा दिल्ली के प्रदेश महामंत्री नितिन पांडे, निप्पू झा, धीरज सिंह सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें