सबों पर TET हो लागू...हो रही आंदोलन की सुगबुगाहट।
झारखंड राज्य में पुनः एक बार प्रोन्नति का मामला गहरा गया है। विभाग स्वयं अपने पत्र के द्वारा शिक्षको को प्रोन्नति में "मद्रास उच्च न्यायालय के रिट अपील संख्या 313/2022 के The Director of school Education ,&Anr एवम अन्य संलग्न बाद में दिनांक 02.06.2023 को पारित आदेश में अंकित किया गया है कि दिनांक 29.07.2011 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को भी पद प्रोन्नति के मामले में आवश्यक रूप से TET उत्तीर्ण होना होगा इसके अभाव में वे पद प्रोन्नति हेतु योग्य नहीं होंगे। मात्र उन्हें वर्तमान पद हेतु देय वेतन वृद्धि एवम अन्य लाभ देय होंगे।" ऐसा स्पष्ट अंकित करते हुए शिक्षा सचिव पत्र निर्गत करते हैं साथ ही 2015-16 में नियुक्त शिक्षकों की कार्यानुभव की अवधि 5 वर्ष से बढ़ाकर 10वर्ष कर दिया जाता है। यह कहां तक न्यायोचित है 2015-16 के शिक्षको का एक प्रतिनिधिमंडल ग्रामीण विकास मंत्री माननीय आलमगीर आलम से मिलकर अपना पक्ष रखा और मांग की कि 1993 नियमावली के आधार पर प्रोन्नति दी जाय एवम शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत पद प्रोन्नति में TET की अनिवार्यता होनी चाहिए ।
माननीय मंत्री से मिलने वाले शिक्षकों में सुभाष चंद्र, चंद्रशेखर प्रसाद, डॉक्टर साकेत कुमार आदि शिक्षक मौजूद थे।
ग्राम समाचार,गोड्डा
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