एम्स संघर्ष समिति के बुलावे पर माजरा एम्स निर्माण के लिए बुलाई गई जन पंचायत में जनता की भागीदारी उम्मीद से ज्यादा थी। दक्षिणी हरियाणा साथ लगते राजस्थान से काफी संख्या में भागीदारी रही। जन पंचायत की अध्यक्षता समिति के प्रधान एवम मनेठी के पूर्व सरपंच श्योताज सिंह ने की। जन पंचायत का संचालन एम्स संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बाबू कैलाश चंद व समिति के सचिव ओमप्रकाश सैन ने किया। समिति के प्रवक्ता कॉमरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने माजरा एम्स निर्माण के लिए विषम परिस्थितियों में भी जनता द्वारा दिए गए योगदान के लिए आभार जताते हुए एम्स निर्माण आंदोलन के इतिहास को रखा।
सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि एम्स संघर्ष समिति के बैनर तले चले आंदोलन का ही परिणाम है कि एम्स का निर्माण होंगा। सरकार द्वारा की जा रही लेट लतीफी की आलोचना की गई।
जन पंचायत में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि एम्स निर्माण में सरकार चुनावी स्वार्थ में ढिलाई बरत रही है। जन पंचायत ने 26 जनवरी तक सरकार को समय सीमा दी है कि एम्स निर्माण शुरू कर दे, ओपीडी आरंभ करे, एमबीबीएस की क्लास चालू कर दे, अन्यथा फरवरी 2024 में संसद पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। जन पंचायत स्थल से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवम प्रधानमंत्री को ईमेल करके तुरंत शिलान्यास की मांग उठाई है और माजरा एम्स निर्माण के संदर्भ में वार्ता के लिए समय भी मांगा है। जन पंचायत में सरकार और उसके प्रतिनिधियों को आगाह किया गया कि एम्स निर्माण के बारे जनता को भ्रमित ना करे । 77 दिन से आंदोलन धरना जारी है परंतु सरकार के किसी एक प्रतिनिधि ने एम्स संघर्ष समिति से बात नही की है । अगर प्रतिनिधि एम्स निर्माण चाहते है तो आंदोलन से क्यों चिढ़ते है? जन की आवाज को जानबूझकर अनसुना अनदेखा किया जा रहा है जो इलाके की जनता का अपमान है।
जन पंचायत को मुख्य रूप से रविंद्र पूर्व सरपंच निमोठ, मंजीत सिंह अहीर रेजिमेंट, किसान नेता रामकिशन महलवात, रामकुमार निमोठ, अभय सिंह आनंद सूबेदार दिलबाग सिंह, संतोष देवी महिला सांस्कृतिक संगठन, मनोज यादव रिटायर्ड ईओ, ओमप्रकाश सरपंच गनियार, बलजोर पार्षद, रमेश ठेकेदार, जयपाल दादा, कमल सिंह, बीर सिंह, बाबूलाल कर्मचारी नेता प्रवीण सरपंच गुरावड़ा, नवीन अरोड़ा, राकेश टाइगर, मास्टर सूबे सिंह, रामबीर प्रधान यादव सभा, आचार्य यशदेव, डॉक्टर एच डी यादव, डॉक्टर ओमप्रकाश पूर्व सरपंच, रामनिवास माजरा, दयाराम मास्टर, राजसिंह, कर्नल राजेंद्र सिंह, समेत काफी नागरिकों ने सम्बोधित किया।
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