ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। आधुनिक जमाना तकनीक का है। तकनीक का प्रयोग कर दुनिया की सारी जानकारी को मुट्ठी में किया जा सकता है। लेकिन तकनीक पर बहुत सारे बेमतलब की समग्रियां या ठिकाने भी हैं, जो सफलता के मार्ग के सबसे बड़े अवरोधक हैं। सफलता की कसौटियों में अनुशासन और नियमित अभ्यास का महत्त्वपूर्ण स्थान है। जीवन में सफलता प्राप्त करने वाले व्यक्ति खुद को कड़े अनुशासन के दायरे में सीमित रखता है। अनुशासन की परिधि से बाहर रह कर सफलता की चाहत मृग मरीचिका की तरह ही मिथ्या प्रतीत होती है। कठिन साधना और कड़े अनुशासन के बंधनों में खुद को बांध कर ही एकलव्य धनुर्विद्या सीखने में सफल रहा था। अनुशासित जीवन हमें व्यभिचार से दूर रख हमारे विचारों को भी परिष्कृत करती है। नियमित अभ्यास के अभाव में सीखी हुई विद्या हम भूल जाते हैं। क्रिकेट या अन्य खेल के खिलाड़ी नियमित अभ्यास इसलिए करते हैं, ताकि मैदान
पर वे अपना लय बरकरार रख सकें। कड़ा अनुशासन और नियमित अभ्यास के अलावा सफलता की एक महत्त्वपूर्ण कसौटी है कठिन साधना। सफलता रुपी पथिक के पथिकों का पर्व-त्योहार भी सफलता ही है। पर्व-त्योहार के मौसम में भी कठिन साधना उन्हें अपने मार्ग से विचलित नहीं करती है। वे त्योहार भी मनाते हैं तो उसका रंग 'सफलता का रंग' होता है। उनका पर्व भी 'सफलता का पर्व' होता है। सकारात्मक सोच की प्रवृति हमारे मनोदशा की दिशा तय करती है। सफलता के लिए सकारात्मक सोच की प्रवृत्ति को खुद के अंदर विकसित करना बेहद जरूरी है। जरुरी नहीं है कि अनुशासन, नियमित अभ्यास और कठिन साधना की बदौलत एक बार में ही हम सफल हो जाएं। इसी कड़ी में बांका जिला अंतर्गत बौंसी प्रखंड स्थित थाना कॉलोनी गली नं ० 1 में बिहार सरकार द्वारा संचालित कुशल युवा कार्यक्रम केंद्र एंजेल कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर के काफी छात्र विभिन्न विभागों में परचम लहरा रहे हैं। जिसको लेकर सेंटर के संचालक कुमार चंदन को दैनिक बिहार पत्रिका के स्टेट हेड अमित कुमार झा के द्वारा नववर्ष-2024 की डायरी देकर सम्मानित किया गया।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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