ग्राम समाचार,चांदन,बांका। चांदन प्रखंड के दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक शाखा सुईया द्वारा दर्जनों किसानों एवं मजदूरों के साथ धोखाधड़ी एवं आर्थिक शोषण करने को लेकर जिला अधिकारी को लिखित आवेदन देकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। आवेदन में सुइया थाना क्षेत्र के मजदूर धाबाकोल निवासी चंद्रदेव दास, अंजेश्वर यादव, मुनेश्वर यादव, डीम्बाखार निवासी चंद्रमौलेश्वरी हेंब्रम, बुल्का देवी,मनकवा देवी सहित दर्जनों मजदूर किसानों ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व दक्षिण बिहार सुइया शाखा के कार्यरत तत्कालीन प्रबंधक आर के ठाकुर द्वारा प्रत्येक गांव में शिविर लगाकर लगभग 600 लोगों को ₹50000 सरकारी सहायता हेतु ऋण तीन करोड़ रुपए वितरण कराया गया था। ऋण राशि वितरण के एवज में बिचौलिए के माध्यम से शाखा प्रबंधक द्वारा 50% कमिशन राशि अवैद उगाही कर लिया। और बताया कि यह ऋण किसी भी लाभुक को वापस करना नहीं होगा। यह ऋण सरकार द्वारा माफ कर दी जाएगी। जबकि सभी व्यक्ति का खाता खोलने के नाम पर सारे दस्तावेज ले लिए एवं उनके नाम पर ऋण स्वीकृत कर और वितरण भी हो गया। और लाभुक को भी पता नहीं चला,और नही तो बैंक के द्वारा किसी
भी लाभुक को कोई किसान क्रेडिट कार्ड या पासबुक दिया। इधर 10 साल बीत जाने के बाद दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक शाखा सूइया द्वारा बैंक द्वारा नोटिस भेजा जा रहा है, और बैंक कर्मचारियों द्वारा लोगों को जल्द से जल्द लिए गए ऋण भुगतान करने का नोटिस देते हुए कानूनी प्रक्रिया से भयभीत किया जा रहा है। जबकि इस मामले में ऋण आदायगी करने में असमर्थ लोंगों को जेल भेजने की प्रक्रिया अपनाया जा रहा है। किसानों ने बताया कि हम लोग बिल्कुल सुदूर क्षेत्र के ग्रामीण गरीब मजदूर हैं यहां रोजगार के किसी प्रकार का कोई साधन नहीं है और ना ही आमदनी का कोई जरिया है। बैंक के इस रवैया से हम लोग काफी परेशान और भयभीत हैं। लाभुकों ने बताया कि हम लोग लॉकडाउन और सुखाड के मार से जूझ रहे हैं। हम लोगों का आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है। किसी प्रकार से सरकार द्वारा दी जाने वाली मुक्त राशन योजना के सहारे परिवार का गुजर वसर कर रहे हैं। इस मामले को लेकर दर्जनों लाभुक ने सामूहिक हस्ताक्षर कर जिला अधिकारी से इस कार्रवाई को रोक लगाने एवं ऐसे बैंक शाखा कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का गुहार लगाई है। लाभुकों ने यह भी बताया कि जब तक पूरी मामला को निष्पक्ष जांच नहीं हो जाता एवं सरकार की ओर से ऋण माफी का कोई जवाब नहीं मिल जाता तब तक हम लोग के ऊपर बैंक के तरफ से किसी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगाया जाए। आए दिन बैंकों द्वारा इस प्रकार का कृत्य से वित्तीय संस्थाओं से लोगों का विश्वास धीरे-धीरे समाप्त होता चला आ रहा है। निष्पक्ष जांच नहीं होने पर हम सभी किसान एवं मजदूर को आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।जिसकी जवाबदेही बैंक प्रशासन की होगी।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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