Lohardaga News: "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम

ग्राम समाचार, लोहरदगा।  महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग लोहरदगा के द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन नगर भवन में किया गया इस अवसर पर  उपायुक्त डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने कहा की हिंदी साहित्य एवं अंग्रेजी साहित्य के  पुस्तको में  नारी पर लिखित है उन्हे पढ़ने पर  नारी स्थिति की जानकारी मिलती है। 

उपायुक्त ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के कार्यक्रम में सावित्री बाई फुले के बारे में  बताया कि  सावित्री बाई फुले को उनके पिता ने शिक्षा नही दी, बल्कि उनके पति ज्योतिबा फूले ने दी। भीलेबाड़ा गांव में शिक्षा प्राप्त कर पहली महिला विद्यालय की स्थापना कर बालिका शिक्षा को बढ़ाने का कार्य करती थी। वह विभिन्न यातनाओ को सहकर भी बालिका शिक्षा को आगे  बढ़ाई।

उपायुक्त ने बताया की जिले में   IIT, NEET की तैयारी कराई जा रही है।  जिन बालिकाओं की इच्छा हो वे कोचिंग में भाग लेकर आगे बढ़ सकती हैं।यहां की छात्राएं भी परीक्षाओ मेंसफल हो रही हैं।

आपलोग में कोई भी इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण होकर देश के अच्छे शिक्षण संस्थाओं में नामांकन पाकर जिले का नाम रौशन करेंगे। उपायुक्त ने कहा कि शोक्षा पाकरआर्थिक रूप से आत्मनिर्भर  होना सबसे बड़ी आजादी है।आप बेटी पढ़ाओ बेटी  बचाओ के संदेश को घर घर पहुंचाएं।

पुलिस अधीक्षक हरीश बिन जमां ने कहा कि हम एक ऐसे देश से आते हैं जहां भारत माता की जयकारा होती है।नारी शक्ति को मातृ शक्ति कहा जाता है।फिर  इस देश में महिलाओं के साथ भेदभाव होती आई है। 

पुरुष एवं महिला में समानता का दृष्टिकोण होना चाहिए भारत के संविधान में बराबरी का अधिकार है। यह बातें व सोच सिर्फ गोष्टी तक ना रहे यह संदेश घर तक जाए। 

बेटियां शिक्षित हो इसके लिए लेखक "मंजरी जरूहर की पुस्तक "मैडम सर" पुस्तक पढ़ने की सलाह दी, जो बिहार की प्रथम आई पी एस और भारत की पांचवीं रहीं। उन्होंने कहा कि आप सशक्त होंगे तो समाज और देश सशक्त होगा। 

उपविकास आयुक्त ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अवसर पर कहा कि  यह कटु सत्य है की हमारे समाज में लिंग आधारित भेदभाव है। समाज मेलड़का और लड़की में भेदभाव शिक्षा  प्रदान करने में भी किया जाता है। लड़को की तुलना में लड़कियो को सुविधा कम प्रदान की जाती है।भारत सरकार की योजना का उद्देश्य है कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती रहे।

समाज में यह संदेश जाना चाहिए कि जो भेदभाव है उसे समाप्त किया जाना चाहिए।  अधिकार की लड़ाई में समान अवसर मिलना चाहिए।घरेलू हिंसा पर नियंत्रण के लिए शिक्षा जरूरी है।

बालिकाओं में भी महत्वाकांक्षी होती है ।आगे बढ़ना चाहती है उनके साथ होने वाले भेदभाव को खत्म करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर रंगोली का निर्माण किया गया।शिक्षा,खेल,कला संस्कृति,गायन ,नृत्य आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को सम्मानित किया गया। इसके पूर्व जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।उपस्थित सभी लोगों को बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने,भ्रूण हत्या पर रोक,विषमता को दूर करने और इसके जागरूकता को बढ़ावा देने की शपथ दिलाई गई।

इस अवसर पर सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारी,समाज कल्याण पदाधिकारी, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, आंगनवाड़ी सेविका,सहायिका,विभिन्न विद्यालयों की छात्राएं सहित अन्य उपस्थित थीं।

 - ग्राम समाचार, लोहरदगा ब्यूरो रिपोर्ट।  


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Editor - न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

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