ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। जिलाधिकारी अंशुल कुमार के निर्देशानुसार आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह- संयुक्त मॉक अभ्यास के क्रम मे एनडीआरएफ टीम 9 बटालियन , बिहटा के द्वारा ऐतिहासिक मंदार पर्वत पर स्थित रोपवे केवल कार की परिचालन के क्रम में किसी भी अप्रिय घटना के पश्चात की जाने वाली गतिविधियों को मॉक ड्रिल के माध्यम से बताया गया, जिसमें तकनीकी खराबी के कारण केवल कार में फंसे हुए यात्रियों को सकुशल तरीके से बाहर निकलने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया। साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद जख्मी व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार करने के लिए डेमो का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन से संबंधित विभिन्न हितधारी के साथ रोपवे संचालित करने वाले अधिकृत एजेंसी के कर्मियों के द्वारा केवल कार में फंसे हुए व्यक्ति को सुरक्षित रूप से बाहर
निकलने की प्रक्रिया को डेमो के माध्यम से प्रदर्शित कर दिखाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान एनडीआरफ के असिस्टेंट कमांडेंट, डिजास्टर मैनेजमेंट कंसल्टेंट, एनडीआरएफ इंस्पेक्टर, एनडीआरएफ टूप्स, स्थानीय पुलिस, मेडिकल टीम, फायर ब्रिगेड की टीम, आपदा मित्र मौजूद थे। असिस्टेंट कमांडेंट एनडीआरफ, बिहटा के द्वारा बताया गया कि केवल कार के सुरक्षित परिचालन हेतु एनडीआरएफ मुख्यालय के द्वारा जारी गाइडलाइन में निर्देश दिया गया कि साल भर में कम से कम दो मॉक अभ्यास आयोजित किया जाए ताकि भविष्य में होने वाली घटनाओं को रोका जा सके। जिससे जान माल की हानि कम से कम हो सके। डी०एम० प्रोफेशनल के द्वारा बताया गया कि आपदा प्रबंधन में समुदाय के ही लोग प्रभावित होते हैं एवं रिस्पांड करने वाले भी समुदाय के ही लोग होते हैं। इसलिए रोपवे के परिचालन में लगे हुए एजेंसी के कर्मियों को आपदा प्रबंधन की दृष्टिकोण से और सशक्त करने की आवश्यकता है ताकि कोई घटना के बाद फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में सक्रिय भूमिका निभा सके।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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