ग्राम समाचार,चांदन,बांका। प्रधानमंत्री पोषण योजना की कार्यरत विद्यालय की रसोईया ने अपने समूह एवं संघ के जिला संयोजक कासिम उद्दीन ने संयुक्त रूप से सामिल होकर गुरुवार 1 फरवरी को चांदन प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरसी भवन परिसर में बैठक आयोजित कर धरना प्रदर्शन करते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुरेश ठाकुर को हस्ताक्षर युक्त, अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का ज्ञापन सौंप दिया। 6 सूत्री मांग में मुख्य रूप से रसोईया का वेतन 10% वृद्धि दर के अनुसार ₹10000 मानदेय व पूरे 12 महीने का भुगतान। मृत रसोईया के आश्रित परिवार को अनुकंपा के आधार पर रसोईया पद पर बहाल, आकस्मिक अवकाश, महिला रसोइया को प्रति 2 माह विशेष अवकाश, एवं मातृत्व अवकाश दिये जाने,और रसोइया की सेवा अवधि 65 वर्ष, साथ ही प्रधानमंत्री श्रम योगी पेंशन योजना की पात्रता रखने वाली रसोईया का पंजीयन विभाग द्वारा करने का आदेश निर्गत करने,तथा इसके योजना की अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष किए जाने की सामिल है। रसोईया संघ के नेतृत्व कर्ता जिला संयोजक कासिम उद्दीन आदि ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया की प्रधानमंत्री पोषण योजना के अंतर्गत हम सभी रसोइया राजकीय प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत है, जिसमें की 5 से 6 घंटे नित्य दिन
विद्यालय में काम करते आ रहे हैं, बदले में सरकार हमें मात्र 1650 रुपया प्रति माह देने की काम करते हैं। जिससे हमारा परिवार का भरण पोषण नहीं हो पाती है।यहां तक की इतने पैसे में घर के खर्चा तो दूर, यदि हमारा परिवार के कोई सदस्य बिमार पड़ जाए तो समुचित इलाज कराने से वंचित हो जाते हैं। सरकार हमें बारह महीने के जगह पर दस महीनें की वेतन देती है। महंगाई दर के अनुसार सरकार द्वारा इस योजना के भोजन मद की राशि महंगाई के अनुसार बढ़ा देती है, लेकिन हम रसोइया की मजदूरी वेतन मद में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाती है। जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार की मजदूरी विरोधी नीति दर्शाया जाता है।सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार अपने बनाए गए न्यूनतम मजदूरी अधिकतम का पालन स्वयं नहीं कर रही है। जबकि रसोइया का कार्य एवं कुशल मजदूरी की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया की अपनी 6 सुत्री मांगों को लेकर विभागीय पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि के माध्यम से बार-बार सरकार तक पहुंचा रहे हैं। लोकतांत्रिक तरीके से धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं, लेकिन सरकार अब तक ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो बाध्य होकर 1 फरवरी 2024 गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इधर सुत्रों के हवाले से खबर है की रसोइया हड़ताल पर चले जाने से पहले दिन से ही विद्यालयों में मिड डे मील में काफी प्रभाव दिखने लगी है। इस मौके पर रसोइया संघ के नेतृत्व कर्ता जिला संयोजक कासिम उद्दीन, प्रखंड अध्यक्ष बिनोद यादव,रेवून खातून, झूमा देवी, रामवती देवी, कौशल्या देवी, गंगिया देवी, साजिया बीवी, अवंती मुर्मू, मुन्ना यादव, बबीता देवी, हेमंती देवी, उषा देवी, आदि के साथ दर्जनों रसोइया महिला पुरुष शामिल थे।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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