इलेक्शन का समय है और हर पार्टी फिर सभी को लुभावने वादों के साथ पब्लिक को छल करेंगे, कोई फ्री वाइब की, कोई विकास की, कोई धर्म की, कोई जात पात की, ओर मेरा देश फिर इन सब मे फस कर रहा जाएगा क्योंकि सब से बड़ी अगर कोई समस्या है इस देश के सामने वह है जनसँख्या। बाकी सब समस्या इसी से जुड़ी हुई है जैसे, रोजगार, अगर जनसंख्या कम होगी तो मुझे लगता है रोजगार की कोई परेशानी नही होगी, जितने हमारे देश मे रोड, रेल, एयर नेटवर्क है सब कुछ ज्यादा ही लगेंगे। जितना हमारे पास अन अनाज है वो भी बहुत होगा।बल्कि दूसरे देश को भी बाट सकगे। पेट्रोल/डीज़ल सब फालतू होगा।आज के समय दादा लायी जमीने भी भाइयो में डिवाइड हो हो कर बहुत कम रह गयी है।और इसी तरह अगर ये देश मे पापुलेशन बढ़ती गयी तो आने वाले समय मे क्या त्राहि मचेगी इसका शायद किसी को अंदाज भी नही है, स्कूल, हॉस्पिटल, रेल, रोड सब कम पड़ जाएंगे। इस समस्या को देश ने 1974 में जान लिया था और एक बिल लेकर आई मगर उस बिल के इम्पलीमेंटेशन की कमी की वजह से सरकार को वापस लेना पड़ा ओर फिर किसी सरकार ने हिम्मत नही दिखाई कि उस पर कोई विचार किया जाए। वोट की राजनीति के चक्कर मे आज देश को इस स्तिति में पहुचा दिया। अभी भी जब भी हम कोई राजनीतिक भाषण सुनते है तो इसका जिर्क कोई नही करने की हिम्मत कर पाता। मुझे लगता है इस देश में अब कोई जरूरत है तो इसी की क्योंकि अगर हमारे देश की जनसंख्या पे कंट्रोल लग जाये तो बाकी सब समस्या का हल हो सकता है क्योंकि बाकी सब समस्या इसी से जुड़ी हुई है।बीमारी कैंसर की है और राजनीतिक पार्टी पैन किल्लर दे दे कर वोट बटोर रही है। क्योंकि ये समस्या डायरेक्टली जनता के समझ से बाहर है। मगर आज नही तो कल इसपर काम करना पड़ेगा। बस तब तक कही बहुत ज्यादा देर ना हो जाये क्योंकि देर तो वैसे भी बहुत हो चुकी है 1974 कि समस्या लगबग 50 साल पुरानी समस्या को आज तक कोई नही सुलझा सका। अगर ये उस वक़्त सुलझ गयी होती तो आज हम कुछ और ही बात कर रहे होते। विकास इतना ज्यादा होता, नोकरी इतनी ज्यादा होती, खाने रहने के लिए बहुत होता तो फिर राजनीति किस पर होती।ये हम सब के लिए विचारनीय है और कोई भी सरकार आये मगर इस पर विचार करके कुछ जल्द से जल्द कार्य करे।
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Rewari News : देश को इस समय जनसँख्या नियंत्रण कानून की जरूरत :: पूर्व कमांडेट संतोष कुमार
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